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बद्ध-मुक्त आहारकशरीरों का परिमाण ___ ४१५. केवइया णं भंते ! आहारगसरीरा पं. ?
__गोयमा ! दुविहा पं.-बद्धेल्लया य मुक्केल्लया य। तत्थ णं जे ते बद्धेल्लया ते णं ॐ सिया अस्थि सिया नत्थि, जइ अत्थि जहण्णेणं एगो वा दो वा तिण्णि वा, उक्कोसेणं सहस्सपुहत्तं। मुक्केल्लया जहा ओरालियसरीरस्स तहा भाणियव्वा ।
४१५. (प्र.) भगवन् ! आहारकशरीर कितने हैं ?
(उ.) गौतम ! आहारकशरीर दो प्रकार के हैं। यथा-बद्ध और मुक्त। उनमें से बद्ध कभी होते हैं कभी नहीं होते हैं। यदि होते हैं तो जघन्यतः एक, दो या तीन और उत्कृष्टतः दो हजार से नौ हजार तक होते हैं। मुक्त आहारकशरीर अनन्त हैं, जिनकी प्ररूपणा औदारिकशरीर के समान जानना चाहिए।
विवेचन-बद्ध आहारकशरीर चतुर्दशपूर्वधारी सयत मनुष्य के ही होते है। बद्ध आहारकशरीर के कभी होने और कभी नही होने के दो मुख्य कारण यह है कि-(१) आहारकशरीर का अन्तर (विरहकाल) जघन्य एक समय और उत्कृष्ट छह मास का है, निरन्तर नही होता। (२) यदि
आहारकशरीर होते है तो उनकी सख्या जघन्यत. एक, दो या तीन होती है और उत्कृष्ट सहस्रपृथक्त्व @ हो सकती है। दो से नौ तक की सख्या का नाम पृथक्त्व है। अत एक समय मे उत्कृष्टत एक साथ दो
हजार से लेकर नौ हजार तक आहारकशरीरधारक हो सकते हैं। NUMBER OF AHARAK SHARIRAS ____415. (Q.) Bhante I Of how many kinds are aharak shararas (telemigratory bodies) ? ___ (Ans.) Gautam | Aharak sharuras (telemigratory bodies) are of two kinds-Baddh (bound with soul) and Mukta (abandoned by soul). Of these, the baddh aharak sharıras (bound telemigratory bodies) sometimes exist and sometimes not. When they exist their number is minimum one, two or three and maximum two to nine thousand Of these the mukta (abandoned) are infinite. Other details are same as in case of mukta audarik shariras (abandoned gross physical bodies).
Elaboration Only the Chaturdash-purvadhar sages have the baddh aharak sharıras (bound telemigratory bodies). The uncertainty about existence of this body is—(1) The intervening time between existence of सचित्र अनुयोगद्वार सूत्र-२
Illustrated Anuyogadvar Sutra-2
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