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कम्हा ? जइ ते पंचविहो पएसो एवं ते एक्केक्को पएसो पंचविहो एवं ते पणुवीसतिविहो पदेसो भवति, तं मा भणाहि-पंचविहो पएसो, भणाहि-भइयव्यो पदेसो-सिया धम्मपदेसो सिया अधम्मपदेसो सिया आगासपदेसो सिया जीवपदेसो सिया खंधपदेसो। ___ एवं वयंतं उज्जुसुयं संपतिसद्दो भणति-जं भणसि भइयचो पदेसो तं न भवति। ___ कम्हा ? जइ ते भइयव्यो पदेसो एवं ते १. धम्मपदेसो वि सिया अधम्मपदेसो सिया
आगासपदेसो सिया जीवपदेसो सिया खंधपदेसो, २. अधम्मपदेसो वि सिया धम्मपदेसो ॐ सिया आगासपएसो सिया जीवपएसो सिया खंधपएसो, ३. आगासपएसो वि सिया
धम्मपदेसो सिया अहम्मपएसो सिया जीवपएसो सिया खंधपएसो, ४. जीवपएसो वि सिया धम्मपएसो सिया अधम्मपएसो सिया आगासपदेसो सिया खंधपएसो, ५. खंधपएसो वि सिया धम्मपदेसो सिया अधम्मपदेसो सिया आगासपदेसो सिया जीवपदेसो।
एवं ते अणवत्था भविस्सई, तं मा भणाहि-भइयव्यो पदेसो, भणाहि-धम्मे पदेसे से पदेसे धम्मे, अहम्मे पदेसे से पदेसे अहम्मे, आगासे पदेसे से पदेसे आगासे, जीव 6 पदेसे से पदेसे णो जीवे, खंधे पदेसे से पदेसे णोखंधे।
एवं वयं सद्दणयं समभिरूढो भणति-जं भणसि-धम्मे पदेसे से पदेसे धम्मे जाव खंधे पदेसे से पदेसे नोखंधे तं न भवइ।
कम्हा ? एत्थ दो समासा भवंति, तं जहा-तप्पुरिसे य कम्मधारए य। तं ण णज्जइ कतरेणं समासेणं भणसि-किं तप्पुरिसेणं किं कम्मधारएणं? जइ तप्पुरिसेणं भणसि तो मा एवं भणाहि, अह कम्मधारएणं भणसि तो विसेसओ भणाहि-धम्मे य से पदेसे य से पदेसे धम्मे, अहम्मे य से पदेसे य से से पदेसे अहम्मे, आगासे य से पदेसे य से से से पदेसे आगासे, जीवे य से पदेसे य से से पदेसे नोजीवे, खंधे य से पदेसे य से से पदेसे नोखंधे।।
एवं वयंत संपयं समभिरूढं एवंभूओ भणइ-जं जं भणसि तं तं सव्वं कसिणं पडिपुण्णं निरवसेसं एगगहणगहितं देसे वि मे अवत्थू पदेसे वि मे अवत्थू। से तं * पदेसदिढ़तेणं। से तं णयप्पमाणे।
॥ नयपमाणे ति पयं सम्मत्तं ॥ सचित्र अनुयोगद्वार सूत्र-२
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Illustrated Anuyogadvar Sutra-2
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