________________
516. (Q.) How much is Utkrisht Parit Anant (maximum lower infinite) ?
(Ans.) Utkrisht Parit Anant (maximum lower infinite) is equal to one less Jaghanya Parit Anant (minimum lower infinite) raised to the power of itself. Or it is one less than Jaghanya Yukt Anant (minimum medium infinite ).
युक्तानन्त
५१७. जहण्णयं जुत्ताणंतयं केत्तियं होति ?
जहण्णयं परित्ताणंतयं जहण्णयपरित्ताणंतयमेत्ताणं रासीणं अण्णमण्णब्भासो पडिपुण्णो जहण्णयं जुत्ताणंतयं होई, अहवा उक्कोसए परित्ताणंतए रूवं पक्खित्तं जहन्नयं जुत्ताणंतयं होइ, अभवसिद्धिया वि तेत्तिया चेव, तेण परं अजहण्णमणुक्कोसयाई ठाणाई जाव उक्कोसयं जुत्ताणंतयं ण पावति ।
५१७. ( प्र . ) जघन्य युक्तानन्त कितना होता है ?
(उ. ) जघन्य परीतानन्त और जघन्य परीतानन्त प्रमाण राशियों को परस्पर गुणा करने जो राशि आती है वह प्रतिपूर्ण राशि जघन्य युक्तानन्त होती है। अथवा उत्कृष्ट परीतानन्त में एक का प्रक्षेप (योग) करने से जघन्य युक्तानन्त होता है । अभवसिद्धिक (अभव्य) जीव भी इतने ही (जघन्य युक्तानन्त जितने ) होते हैं। उसके पश्चात् अजघन्योत्कृष्ट (मध्यम) युक्तान्त के स्थान हैं और वे उत्कृष्ट युक्तानन्त के स्थान के पूर्व तक हैं।
YUKT ANANT
517. (Q.) How much is Jaghanya Yukt Anant (minimum medium infinite ) ?
(Ans.) Jaghanya Yukt Anant (minimum medium infinite) is equal to Jaghanya Parit Anant (minimum lower infinite) raised to the power of itself. Or it is one more than Utkrisht Parit Anant (maximum lower infinite). The number of Abhavyasiddhik (beings unworthy of liberation) is also the same. All the numbers after Jaghanya Yukt Anant (minimum medium infinite) and before Utkrisht Yukt Anant (maximum medium infinite) are Ajaghanyaanutkrisht Yukt Anant (intermediate medium infinite).
५१८. उक्कोसयं जुत्ताणंतयं केत्तियं होति ?
संख्याप्रमाण- प्रकरण
Jain Education International
(381)
The Discussion on Samkhya Pramana
For Private Personal Use Only
www.jainelibrary.org