Book Title: Agam 32 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Part 02 Sthanakvasi
Author(s): Aryarakshit, Amarmuni, Tarunmuni, Shreechand Surana, Trilok Sharma
Publisher: Padma Prakashan

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Page 473
________________ Masala sisted * विवेचन-समय आदि का वर्णन इसी सूत्र मे पहले किया जा चुका है। (देखे भाग १, पृ. २९० पर) पुद्गलपरावर्तन-जितने समय मे एक जीव समस्त लोकाकाश के प्रदेशो, समस्त पुद्गलों का स्पर्श करता है, वह एक पुद्गलपरावर्तन है। उसका कालमान अनन्त उत्सर्पिणी-अवसर्पिणी जितना है।। ____ पुद्गलपरावर्तन का तदुभयसमवतार की अपेक्षा अतीत-अनागतकाल में समवतार बताने का कारण यह है कि पुद्गलपरावर्तन असख्यात अवसर्पिणी-उत्सर्पिणीकाल के बराबर है। जिससे समयमात्र प्रमाण वाले वर्तमानकाल में उस बृहत्कालविभाग का समवतार सम्भव नहीं होने से अनन्त समय वाले अतीत-अनागतकाल का कथन किया है। ____ पुद्गलपरावर्तन के मुख्यतः चार भेद हैं-द्रव्य, क्षेत्र, काल और भाव। प्रत्येक के दो-दो प्रकार हैंबादर और सूक्ष्म। कुल मिलाकर पुद्गलपरावर्तन के आठ प्रकार होते हैं। ___ लोक मे अनन्त परमाणु ठसाठस भरे हुए है। उनमे एक समान जाति वाले पुद्गल समूह को वर्गणा कहते है। (१) औदारिकशरीर, (२) वैक्रियशरीर, (३) आहारकशरीर, (४) तैजस्शरीर, (५) भाषा, (६) उच्छ्वास, (७) मन, और (८) कर्म; ये आठ प्रकार की वर्गणाएँ है। पुद्गलपरावर्तन में आहारकशरीर को छोडकर शेष सात वर्गणाओं का ग्रहण और परित्याग होता है। आहारकशरीर चौदह पूर्व के धारक. लब्धिमान् मुनि को प्राप्त होता है। ऐसे मुनि अर्धपुद्गलपरावर्तन से अधिक संसार परिभ्रमण नहीं करते। इस कारण पुद्गलपरावर्तन में आहारकशरीर का ग्रहण नहीं किया जाता है। इनका विशेष वर्णन परिशिष्ट १, पृष्ठ ४८१ पर देखें। KAAL SAMAVATAR 532. (Q.) What is this kaal samavatar (time-assimilation) ? (Ans.) Kaal samavatar (assimilation of minute fraction of time into higher units like Avalika or time-assimilation) is of two kinds—(1) Atmasamavatar (self-dependent assimilation), and (2) Tadubhayasamavatar (assimilation dependent on self and others both). (For example-) ___According to Atmasamavatar (self-dependent assimilation) Samaya (the indivisible fraction of time) is assimilated in its own form or dimension and according to Tadubhayasamavatar (assimilation dependent on self and others both) in Avalıka (a unit of time) as well as its own form or dimension. In the same way according to Atmasamavatar (self-dependent assimilation) various units of time like aan, apaan, pran, stoka, lava, muhurt, divas, ahoratra, paksha, maas, ritu, ayan, samvatsar, yug, varshashat, varshasahasra, varshashatsahasra, purvanga, purva, trutilang, trutit, adadanga, adada, avavanga, avava, huhukanga, huhuka, diseasested stated teleasesotested the se a ॐ सचित्र अनुयोगद्वार सूत्र-२ (406) Illustrated Anuyogadvar Sutra-2 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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