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जहण्णएणं जुत्ताणतएणं अभवसिद्धिया गुणिता अण्णमण्णभासो रूवूणो उक्कोसयं * जुत्ताणतयं होइ। अहवा जहण्णयं अणंताणतयं रूवूणं उक्कोसयं जुत्ताणतयं होइ।
५१८. (प्र.) उत्कृष्ट युक्तानन्त कितना होता है ?
(उ.) जघन्य युक्तानन्त राशि के साथ अभवसिद्धिक राशि का परस्पर गुणा करने पर प्राप्त संख्या में से एक कम करने पर प्राप्त राशि उत्कृष्ट युक्तानन्त की संख्या है। अथवा एक कम जघन्य अनन्तानन्त = उत्कृष्ट युक्तानन्त है।
518. (Q.) How much is Utkrisht Yukt Anant (maximum medium infinite)? ___(Ans.) Utkrisht Yukt Anant (maximum medium infinite) is equal to one less Jaghanya Yukt Anant (minimum medium infinite) raised to the power of Abhavyasiddhik (which is same as Jaghanya Yukt Anant). Or it is one less than Jaghanya Anantanant (minimum infinite-infinite). अनन्तानन्त
५१९. जहण्णयं अणंताणतयं केत्तियं होति ? __जहण्णएणं जुत्ताणंतएणं अभवसिद्धिया गुणिया अण्णमण्णभासो पडिपुण्णो जहण्णयं अणंताणतयं होइ, अहवा उक्कोसए जुत्ताणतए रूवं पक्खित्तं जहण्णयं अणंताणतयं होति, तेण परं अजहण्णमणुकोसयाई ठाणाई। से तं गणणासंखा। __ ५१९. (प्र.) जघन्य अनन्तानन्त कितना होता है ? ।
(उ.) जघन्य युक्तानन्त के साथ अभवसिद्धिक जीवों (जघन्य युक्तानन्त) को परस्पर * गुणित करने पर प्राप्त पूर्ण संख्या जघन्य अनन्तानन्त का प्रमाण है। अथवा उत्कृष्ट युक्तानन्त
में एक का प्रक्षेप करने से जघन्य अनन्तानन्त होता है। जघन्य अनन्तानन्त के बाद सभी * स्थान अजघन्योत्कृष्ट (मध्यम) अनन्तानन्त के होते हैं। क्योंकि उत्कृष्ट अनन्तानन्त राशि
नहीं होती है)। ___ यह गणनासंख्या का निरूपण पूर्ण हुआ।
विवेचन-प्रस्तुत सूत्र में अनन्तानन्त सख्या के जघन्य और मध्यम इन दो भेदो का प्रमाण बतलाया है, किन्तु उत्कृष्ट अनन्तानन्त संख्या संभव नहीं होने से उसका निरूपण नहीं किया गया है।
उक्त कथन सैद्धान्तिक आचार्यों का है, लेकिन अन्य आचार्यों ने उत्कृष्ट अनन्तानन्त संख्या का भी निरूपण किया है। उनका मत है
ॐ
सचित्र अनुयोगद्वार सूत्र-२
(382)
Illustrated Anuyogadvar Sutra-2
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