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Svetog students and affirming it with the help of logic and multiple
perspectives (naya).
(Question asked by a disciple) Is there some analogy to confirm this?
(Answer by the guru) Yes, for example (it is conventionally said that) this was a pot of butter (although at present it contains no butter).
This concludes the description of Jnayak sharir dravya shankh/samkhya (physical shankh/samkhya as body of the knower). (for more details refer to Illustrated Anuyogadvar Sutra, Part I, Aphorisms 16-17) भव्यशरीरद्रव्यसंख्या
४८६. से किं तं भवियसरीरदव्वसंखा ?
भवियसरीरदव्वसंखा जे जीवे जोणीजम्मणणिक्खंते इमेण चेव आदत्तएणं सरीरसमुस्सएणं जिणदिट्टेणं भावेणं संखा ति पयं सेकाले सिक्खिस्सति।
जहा को दिदैतो ? अयं घयकुंभे भविस्सति। से तं भवियसरीरदव्यसंखा। ४८६. (प्र.) भव्यशरीरद्रव्यसंख्या क्या है ?
(उ.) जन्म समय प्राप्त होने पर जो जीव योनि (गर्भ) से बाहर निकला और भविष्य मे उसी पौद्गलिक शरीर द्वारा जिनोपदिष्ट भावानुसार संख्या पद को सीखेगा (वर्तमान में नहीं सीख रहा है) तब तक उस जीव का वह शरीर भव्यशरीरद्रव्यसख्या है।
(प्र.) इसका कोई दृष्टान्त है ?
(उ.) हॉ (जैसे घी भरने के लिए कोई घडा हो किन्तु अभी उसमें घी नहीं भरा हो तो उसके लिए कहना) यह घृतकुंभ-घी का घड़ा होगा। यह भव्यशरीरद्रव्यसंख्या है। (आवश्यक के समान सम्पूर्ण विवेचन सूत्र १६ से १९ के अनुसार जानें।) BHAVYA SHARIR DRAVYA SHANKH/SAMKHYA ___486. (Q.) What is this Bhavya sharur dravya shankh / samkhya (physical shankh/samkhya as body of the potential knower) ?
(Ans.) On maturity a being comes out of the womb or is born and it has the potential to learn the shankh/samkhya (Sutra), as preached by the Jina, but it is not learning at present. As long as सचित्र अनुयोगद्वार सूत्र-२
( 350)
Illustrated Anuyogadvar Sutra-2
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