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(उ.) नैगमनय, संग्रहनय और व्यवहारनय एकभविक, बद्धायुष्क और अभिमुखनामगोत्र तीनों प्रकार के शखो को शंख मानते हैं। ऋजुसूत्रनय बद्धायुष्क और हर अभिमुखनामगोत्र, इन दोनों का शंख स्वीकार करता है। (आगे के) तीनों शब्दनय मात्र
अभिमुखनामगोत्र शख को ही शंख मानते हैं। ___यह ज्ञायकशरीर-भव्यशरीर-व्यतिरिक्तद्रव्यशंख का स्वरूप है। यही नोआगम से
द्रव्यशंख (संख्या) का स्वरूप है। द्रव्यसंख्या का वर्णन पूर्ण हुआ। ___ विवेचन-नैगम आदि प्रथम तीन नय स्थूल दृष्टि वाले होने से तीनो प्रकार के शखो को शंख रूप में मानते है। क्योंकि वे आगे होने वाले कार्य के कारण में कार्य का उपचार करके वर्तमान में उसे कार्य रूप मे मान लेते हैं। जैसे भविष्य मे राजा होने वाले राजकुमार को भी राजा कहते हैं। इसी प्रकार एकभविक, बद्धायुष्क और अभिमुखनामगोत्र, ये तीनो प्रकार के द्रव्यशख अभी तो नही किन्तु भविष्य में भावशंख होगे, इसीलिए ये तीनों नय इनको भावशंख रूप मे स्वीकार करते है।
ऋजुसूत्रनय पूर्व के तीन नयों की अपेक्षा विशेष शुद्ध है। अत: यह बद्धायुष्क और अभिमुखनामगोत्र-इन दो प्रकार के शखो को मानता है। इसका मत है कि एकभविक जीव को शख नही मानना चाहिए, क्योंकि वह भावशंख से बहुत अन्तर पर है। __ शब्द, समभिरूढ और एवभूतनय ऋजुसूत्रनय से भी शुद्धतर है। इस कारण भावशंख के समीप होने से तीसरे-अभिमुखनामगोत्र शख को तो शंख मानते है, किन्तु प्रथम दोनों प्रकार के (एकभविक, बद्धायुष्क) शख, भावशख के प्रति बहुत अन्तर पर होने से उन्हे शख के रूप में स्वीकार नहीं करते। THE NAYA ANGLE
491. (Q.) Of these three kinds of shankh which conforms to which particular naya (viewpoint) ? ___(Ans.) Nargam naya, Samgraha naya and Vyavahar naya accept all the three, Ekabhavik, Baddhayushk and Abhimukhnaam-gotra, as shankh. Rijusutra naya accepts Baddhayushk and Abhimukh-naam-gotra as shankh. The following three Shabd nayas accept only Abhimukh-naam-gotra, as shankh.
This concludes the description of Jnayak sharir-bhavya sharirvyatırıkta dravya shankh (physical shankh other than the body of the knower and the body of the potential knower). This concludes the description of No-agamatah dravya shankh/samkhya (physical shankh/samkhya without scriptural knowledge). This also concludes the description of Dravya samkhya/ shankh (physical aspect of samkhya/shankh). सचित्र अनुयोगद्वार सूत्र-२
Illustrated Anuyogadvar Sutra-2
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