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चित्र परिचय १४
अनुमान प्रमाण
(१) पूर्ववत् अनुमान - बूढी माँ बचपन में बिछुडे पुत्र को आया देखकर उसके सिर पर तिल का चिन्ह देखकर अनुमान से पहचान लेती है।
(२) शेषवत् अनुमान (कारण से कार्य का अनुमान) - जैसे - सूत, धागे आदि देखकर कपडा बुनने वाले का अनुमान करना ।
Illustration No. 14
(३) अवयव से अवयवी का अनुमान - जैसे - मुर्गे की शिखा (चोटी) तथा मोर का पंख आदि देखकर मुर्गे और मोर होने का अनुमान करना ।
(४) आश्रय से आश्रयी का अनुमान - जैसे- आकाश में उडते बगुलो को देखकर पास ही सरोवर (आश्रय) होने का अनुमान करना ।
(५) अतीतकाल ग्रहण अनुमान-वन मे लहलहाती फसल आदि को देखकर अनुमान करना कि अच्छी वर्षा हुई है।
(६) अनागतकाल ग्रहण अनुमान - आकाश मे चमकती बिजली व काली घटा देखकर वर्षा होने का अनुमान करना ।
ANUMAAN PRAMAAN
(1) Purvavat Anumaan (Inference by Previously Known Characteristics)-An elderly mother recognizes her long lost son on his return by means of a mole on his forehead.
(2) Sheshavat Anumaan ( Inference by Available Evidence ) — To recognize a weaver by seeing yarn, loom etc.
- सूत्र ४४२-४५२, पृष्ठ २७९-२८७
(3) Avayavena Sheshavat Anumaan (Inference by Available Evidence of a Part or Component)-A cock is inferred by its crest and a pea-cock by its feathers.
(4) Ashrayena Sheshavat Anumaan (Inference by Available Evidence of Support or Dependence)-A water-body is inferred in proximity by a row of cranes in the sky.
(5) Ateetkaal Grahan Anumaan ( Inference from Past Perspective)— To infer that there had been good rains by witnessing land with abundant crop
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(6) Anagatkaal Grahan Anumaan (Inference from Future Perspective)-To infer that good rains are expected by witnessing dark clouds with lightening and thunder.
-Aphorisms 442-452, pp 279-287
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