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This concludes the description of Ateet kaal grahan anumaan (inference from past perspective).
४५६. से किं तं पडुप्पण्णकालगहणं ?
पुडुप्पण्णकालगहणं साहुं गोयरग्गगयं भिक्खं अलभमाणं पासित्ता तेणं साहिज्जइ जहा-दुभिक्खं वट्टइ। से तं पडुप्पण्णकालगहणं।
४५६. (प्र.) वर्तमानकालग्रहण क्या है ?
(उ.) गोचरी के लिए गये हुए साधु को भिक्षा नहीं मिलते देखकर अनुमान किया जाना कि यहाँ दुभिक्ष है। यह वर्तमानकालग्रहण अनुमान है। ____456. (Q.) What is this Pratyutpanna kaal grahan anumaan (inference from present perspective) ?
(Ans.) The (examples of) Pratyutpanna kaal grahan anumaan (inference from present perspective) are as follows-To infer that a period of drought prevails, by witnessing an alms-seeking ascetic being offered no alms by householders.
This concludes the description of Pratyutpanna kaal grahan anumaan (inference from present perspective).
४५७. से किं तं अणागयकालगहणं ?
अणागयकालगहणं अग्गेयं वा वायव्वं वा अण्णयरं वा अप्पसत्थं उप्पायं पासित्ता तेणं साहिज्जइ। जहा-कुवुट्ठी भविस्सइ। से तं अणागयकालगहणं। से तं विसेसदिटं। से तं दिट्टसाहम्मवं। से तं अणुमाणे।
४५७. (प्र.) अनागतकालग्रहण क्या है ?
(उ.) आग्नेय मंडल के नक्षत्र, वायव्य मंडल के नक्षत्र या अन्य कोई उत्पात (दिशा और धुओं) देखकर अनुमान करना कि कुवृष्टि होगी, अच्छी वर्षा नही होगी। १ आग्नेय मंडल के नक्षत्र-(१) विशाखा, (२) भरणी, (३) पुष्य, (४) पूर्वाफाल्गुनी, (५) पूर्वाभाद्रपदा,
(६) मघा, और (७) कृतिका। २. वायव्य मंडल के नक्षत्र-(१) चित्रा, (२) हस्त, (३) अश्विनी, (४) स्वाति, (५) मार्गशीर्ष,
(६) पुनर्वसु, और (७) उत्तराफाल्गुनी।
भावप्रमाण-प्रकरण
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The Discussion on Bhaava Pramana
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