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(Ans.) The (examples of) Pratyutpanna kaal grahan anumaan (inference from present perspective) are as follows-To infer that a period of bumper harvest prevails, by witnessing an almsseeking ascetic being offered liberal quantity of food and water by householders.
This concludes the description of Pratyutpanna kaal grahan anumaan (inference from present perspective).
४५३. से किं तं अणागयकालगहणं ? अणागयकालगहणं-अब्भस्स निम्मलत्तं कसिणा य गिरी सविज्जया मेहा।
थणियं वाउभामो संझा रत्ता य णिद्धा य॥४॥ वारुणं वा माहिंदं वा अण्णयरं वा पसत्थं उप्पायं पासित्ता तेणं साहिज्जइ जहासुबुट्टी भविस्सइ। से तं अणागयकालगहणं।
४५३. (प्र.) अनागतकालग्रहण क्या है ?
(उ.) आकाश की निर्मलता, पर्वतो का काला दिखाई देना, बिजली सहित मेघों की गर्जना, अनुकूल पवन और संध्या की गाढ लालिमा॥१॥
वारुण-आर्द्रा आदि नक्षत्रों में एवं 'माहेन्द्र-रोहिणी आदि नक्षत्रों में होने वाले अथवा किसी अन्य प्रशस्त उत्पात-उल्कापात या दिग्दाहादि को देखकर अनुमान करना कि अच्छी
वृष्टि होगी। यह अनागतकालग्रहण अनुमान है। ____453. (Q.) What is this Anagat kaal grahan anumaan (inference from future perspective) ?
(Ans.) The (examples of) Anagat kaal grahan anumaan (inference from future perspective) are as follows—To infer that good rains are expected, by witnessing clear sky, darkening mountains, clouds with lightening and thunder, favourable wind, and deep crimson horizon at dusk. (1) १. वरुण के नक्षत्र-(१) पूर्वाषाढा, (२) उत्तराभाद्रपद, (३) आश्लेषा, (४) आर्द्रा, (५) मूल,
(६) रेवती, और (७) शतभिषग्। २. माहेन्द्र के नक्षत्र-(१) अनुराधा, (२) अभिजित, (३) ज्येष्ठा, (४) उत्तराषाढा, (५) धनिष्ठा,
(६) रोहिणी, और (७) श्रवण।
भावप्रमाण-प्रकरण
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The Discussion on Bhaava Pramana
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