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(उ.) शेषवत् अनुमान पाँच प्रकार का है । यथा - (१) कार्य से (कारण का अनुमान), (२) कारण द्वारा (कार्य का अनुमान), (३) गुण से (गुणी का), (४) अवयव से (अवयवी का), और (५) आश्रय से (आश्रयी का) । इन पाँचो द्वारा अनुमान करना शेषवत् अनुमान है।
SHESHVAT ANUMAAN
442. (Q.) What is this Sheshavat Anumaan (inference by available evidence) ?
(Ans.) Sheshavat Anumaan (inference by available evidence) is of five kinds— (1) Karyena (by effect ), ( 2 ) Karanena (by cause), (3) Gunena (by attribute ), (4) Avayavena (by a part or component), and (5) Ashrayena (by support).
४४३. से किं तं कज्जेणं ?
कज्जेणं - संखं सद्देणं, भेरिं तालिएणं, वसभं ढंकिएणं, मोरं केकाइएणं, हयं सिणं, गयं गुलगुलाइएणं, रहं घणघणाइएणं । से तं कज्जेणं ।
४४३. (प्र.) कार्य से उत्पन्न होने वाला शेषवत् अनुमान क्या है ?
( उ . ) जैसे- शंख के शब्द को सुनकर शंख का अनुमान करना, भेरी की ध्वनि सुनकर भेरीका, बैल के रॅभाने से बैल का, केकारव सुनकर मोर का, हिनहिनाना सुनकर घोडे का, गुलगुलाहट सुनकर हाथी का और घनघनाहट सुनकर रथ का अनुमान करना । यह कार्य से उत्पन्न शेषवत् अनुमान है।
443. (Q.) What is this Karyena Sheshavat Anumaan (inference by available evidence of effect)?
(Ans.) The (examples of) Karyena Sheshavat Anumaan (inference by available evidence of effect) are as follows-A conchshell is inferred by its sound, a drum by its beat, a bull by its roar, a pea-cock by its cry, a horse by its neighing, an elephant by its trumpeting and a chariot by its rattle.
This concludes the description of Karyena Sheshavat Anumaan (inference by available evidence of effect)
४४४. से किं तं कारणेणं ?
कारणेणं-तंतवो पडस्स कारणं ण पडो तंतुकारणं, वीरणा कडस्स कारणं ण कडो वीरणाकारणं, मिप्पिंडो घडस्स कारणं ण घडो मिप्पिंडकारणं । से तं कारणेणं ।
सचित्र अन्योगद्वार सूत्र - २
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Illustrated Anuyogadvar Sutra-2
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