________________
पज्जत्तयगब्भवक्कंतियमणुस्साणं जाव गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं से तिण्णि पलिओवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई।
(३) गर्भव्युत्क्रान्तिक मनुष्यों की (सामान्य) स्थिति जघन्य अन्तर्मुहूर्त और उत्कृष्ट तीन १ पल्योपम की है। 8 अपर्याप्तक गर्भव्युत्क्रान्तिक मनुष्यो की जघन्य स्थिति भी अन्तर्मुहूर्त की और उत्कृष्ट
स्थिति भी अन्तर्मुहूर्त की है।
___ पर्याप्तक गर्भव्युत्क्रान्तिक मनुष्यो की जघन्य स्थिति अन्तर्मुहूर्त की और उत्कृष्ट स्थिति * अन्तर्मुहूर्त न्यून तीन पल्योपम प्रमाण है।
(3) In general the minimum life-span of Garbhavyutkrantık * Manushyas (human beings born out of womb) is antar-muhurt (less than one muhurt) and the maximum is three Palyopam.
The minimum as well as maximum life-span of Aparyapt Garbhavyutkrantik Manushyas (underdeveloped human beings
born out of womb) is antar-muhurt (less than one muhurt). * The minimum life-span of Paryapt Garbhavyutkrantik
Manushyas (fully developed human beings born out of womb) is antar-muhurt (less than one muhurt) and the maximum is one antar-muhurt less three Palyopam. व्यंतर देवों की स्थिति
३८९. वाणमंतराणं भंते ! देवाणं केवतिकालं ठिती पण्णत्ता ? गो. ! जहन्नेणं दसवाससहस्साइं उक्कोसेणं पलिओवमं। वाणमंतरीणं भंते ! देवीणं केवतिकालं ठिती पण्णत्ता ? गो. ! जहन्नेणं दसवाससहस्साई उक्कोसेणं अद्धपलिओवमं। ३८९. (प्र.) भगवन् ! वाणव्यतर देवों की (सामान्य) स्थिति कितने काल की है? (उ.) गौतम । जघन्य स्थिति दस हजार वर्ष और उत्कृष्ट स्थिति एक पल्योपम की है। (प्र.) भगवन् ! वाणव्यतरो की देवियों की स्थिति कितने काल की है ?
(उ.) गौतम ! उनकी जघन्य स्थिति दस हजार वर्ष की और उत्कृष्ट स्थिति 2 अर्द्ध-पल्योपम की है।
Samssaksisteke siksake ke ske.kesaksae ke skesis insisekesakse.ke.in.siesaksie desiseksisirtal
"
सचित्र अनुयोगद्वार सूत्र-२
(200)
Illustrated Anuyogadvar Sutra-2
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org