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कहते है। मनुष्यो और तिर्यचो को लब्धिजन्य तथा देव-नारको को भवजन्य होता है। वायुकाय के भी * वैक्रियशरीर होता है।
(३) आहारकशरीर-चतुर्दशपूर्वधर ज्ञानी मुनि विशिष्ट प्रयोजन होने पर शका आदि के समाधान हेतु योगबल से दूसरे शरीर का निर्माण करते है। आहारक-ऋद्धिसम्पन्न सयत को किसी विषय मे सन्देह उत्पन्न होने पर समाधान प्राप्त करने हेतु अपने क्षेत्र मे केवलज्ञानी का अभाव होने और दूसरे क्षेत्र मे उनके विद्यमान होने पर जब उस क्षेत्र मे औदारिकशरीर से पहुंचना सम्भव नहीं होता है तब वे अन्य पुद्गलो का आहारण-ग्रहण करके इस शरीर का निर्माण करते है। कार्य-समाप्ति पर उसका त्याग कर देते है।
(४) तैजस्शरीर-यह ऊष्मामय शरीर है। पाचन, दीपन, दीप्ति और प्रभा इसके कार्य है। यह शरीर ॐ सभी ससारी जीवो मे पाया जाता है। तेजोलब्धि का भी हेतु यही शरीर है।
(५) कार्मणशरीर-आठ प्रकार के कर्म पुद्गलो से इसका निर्माण होता है, औदारिक आदि सभी ॐ शरीरो का यह मूल कारण है तथा जीव के साथ परभव में जाते समय साथ रहता है।
ये शरीर क्रमश एक दूसरे से सूक्ष्म होते हैं, औदारिकशरीर से वैक्रियशरीर अधिक सूक्ष्म पुद्गलो ॐ से निर्मित है, उससे आहारक, आहारक से तैजस् और तेजस् से कार्मण सूक्ष्मतर होता है। ससारी जीव
के तैजस और कार्मणशरीर सदा साथ रहते है। किसी भी जीव के एक साथ चार शरीर से अधिक
नहीं रह सकते। क्योकि वैक्रिय और आहारक एक साथ नहीं रहते। TO THE BODY
405. (Q.) How many kinds of sharira (bodies) are there?
(Ans.) Sharira (bodies) are of five kinds-(1) Audarik (gross physical), (2) Vaikriya (transmutable), (3) Aharak (telemigratory), (4) Taijas (fiery), and (5) Karman (karmic).
Elaboration- This aphorism states the five types of sharıra or bodies
Sharira-That which is subject to decay (shurna) every moment is called sharira Right from the moment of its origin or birth it undergoes a continuous decay The formation of bodies of the worldly beings is caused by the fruition of Sharıra-nama-karma (body type determining karma) The attributes of these bodies are as follows
(1) Audarik sharira (gross physical body)-The term audarik is derived from the root word udaar (large, gross, prominent) In scriptures it has been interpreted in three ways-(1) The gross physical body constituted of flesh, bones, muscles etc The seven dhatus (bodily humours including flesh and marrow) are found only in this gross physical body Human beings and animals have this body. (2) The body
सचित्र अनुयोगद्वार सूत्र-२
(226)
Illustrated Anuyogadvar Sutra-2
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