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Such ten kodakodı (quadrillion) (1014) Sukshma Uddhar Palyopam make one Sukshma Uddhar Sagaropam. (3) __ ३७५. एएहिं सुहुमेहिं उद्धारपलिओवम-सागरोवमेहिं किं पओयणं ?
एतेहिं सुहुमेहिं उद्धारपलिओवम-सागरोवमेहिं दीव-समुद्दाणं उद्घारे घेप्पति। ___३७५. (प्र.) इस सूक्ष्म उद्धारपल्योपम और सागरोपम से क्या प्रयोजन है ?
(उ.) सूक्ष्म उद्धारपल्योपम और सागरोपम से द्वीप-समुद्रों का उद्धारप्रमाण किया जाता है
375. (Q.) What is the purpose of these Sukshma Uddhar Palyopam and Sagaropam ?
(Ans.) Sukshma Uddhar Palyopam and Sagaropam are used to measure the dimension (time of emptying) of continents and
oceans.
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३७६. केवतिया णं भंते ! दीव-समुद्दा उद्धारेण पत्रत्ता ?
गोयम ! जावइया णं अड्डाइज्जाणं उद्धारसागरोवमाणं उद्घारसमया एवतिया णं दीव-समुद्दा उद्धारेणं पण्णत्ता। से तं सुहुमे उद्धारपलिओवमे। से तं उद्धारपलिओवमे।
३७६. (प्र.) भते ! उद्धारप्रमाण से कितने द्वीप-समुद्रो का प्रतिपादन होता है ? ।
(उ.) गौतम ! अढाई उद्धार सूक्ष्म सागरोपम के जितने उद्धार समयों के बराबर द्वीप समुद्र हैं। उतने द्वीप-समुद्र उद्धार से कहे जाते है। यही सूक्ष्म उद्धारपल्योपम का और उद्धारपल्योपम का स्वरूप है।
376. (Q.) How many continents and oceans are defined with this Uddhar standard.
(Ans.) There are two and a half times Sukshma Uddhar Sagaropam number of continents and oceans This number of continents and oceans is defined with this Uddhar standard.
This concludes the description of Sukshma Uddhar Palyoram This also concludes the description of Uddhar Palyopam.
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कालप्रमाण-प्रकरण
(165)
The Discussion on Kaal Prtmana
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