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अद्धापल्योपम-सागरोपमनिरूपण
३७७. से किं तं अद्धापलिओवमे ? अद्धापलिओवमे दुविहे पण्णत्ते। तं जहा- १. सुहुमे य, २. वावहारिए य। ३७७. (प्र.) अद्धापल्योपम का क्या स्वरूप है?
(उ.) अद्धापल्योपम के दो भेद है-(१) सूक्ष्म अद्धापल्योपम, और (२) व्यावहारिक अद्धापल्योपम। ADDHA PALYOPAM—SAGAROPAM
377. (Q.) What is this Addha Palyopam ?
(Ans.) Addha Palyopam is of two kinds—(1) Sukshma Addha Palyopam, and (2) Vyavaharık Addha Palyopamm व्यावहारिक अद्धापल्योपम ___ ३७८. तत्थ णं जे से सुहुमे से ठप्पे।
३७९. तत्थ णं जे से वावहारिए से जहानामए पल्ले सिया जोयणं विक्खंभेणं, जोयणं उड्ढं उच्चत्तेणं, तं तिगुणं सविसेसं परिक्खेवेणं, से णं पल्ले एगाहिय-बेहियतेहिय जाव भरिये वालग्गकोडीणं। ते णं वालग्गा नो अग्गी डहेज्जा, नो वाऊ हरेज्जा, नो कुच्छेज्जा, नो पलिविद्धंसेज्जा नो पूइत्ताए हव्यमागच्छेज्जा । ततो णं वाससते ते एगमेगं वालग्गं अवहाय जावइएणं कालेणं से पल्ले खीणे नीरए निल्लेवे निट्ठिए भवति, से तं वावहारिए अद्धापलिओवमे।
एएसिं पल्लाणं कोडाकोडी हविज्ज दसगुणिया।
तं वावहारियस्स अद्धासागरोवमस्स एगस्स भवे परीमाणं॥४॥ ३७८-३७९. उनमे से सूक्ष्म अद्धापल्योपम अभी स्थापनीय है। (अर्थात् उसका वर्णन आगे सूत्र ३८२ मे किया जायेगा।) व्यावहारिक अद्धापल्योपम इस प्रकार है
धान्य के पल्य के समान एक योजन लम्बा, एक योजन चौडा और एक योजन ऊँचा तथा कुछ अधिक तीन योजन की परिधि वाला कोई पल्य हो। उस पल्य को एक, दो, तीन दिवस यावत् सात दिवस के उगे हुए बालाग्रो से इस प्रकार लूंस-ठूसकर भरा जाये कि
सचित्र अनुयोगद्वार सूत्र-२
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Illustrated Anuvogadvar Sutra-2
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