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Such ten kodakodi (1014) Vyavaharık Uddhar Palyopam make the one Vyavaharık Uddhar Sagaropam (1, 2) ___३७३. एतेहिं वावहारियउद्धारपलिओवम-सागरोवमेहिं किं पयोयणं ?
एतेहिं वावहारियउद्धारपलिओवम-सागरोवमेहिं णत्थि किंचि पओयणं, केवलं पण्णवणा पण्णविज्जति। से तं वावहारिए उद्धारपलिओवमे। ___३७३. (प्र.) इन व्यावहारिक उद्धारपल्योपम और सागरोपम का क्या प्रयोजन है ?
(उ.) इन व्यावहारिक उद्धारपल्योपम और सागरोपम से किसी प्रयोजन की सिद्धि नही होती है। ये दोनो केवल प्ररूपणामात्र के लिए हैं। यह व्यावहारिक उद्धारपल्योपम का स्वरूप है।
373. (Q.) What is the purpose of these Vyavaharık Uddhar Palyopam and Sagaropam ?
(Ans.) No purpose is served by these Vyavaharık Uddhar Palyopam and Sagaropam. They have just been mentioned as abstract theoretical presentation.
This concludes the description of Vyavaharık Uddhar Palyopam सूक्ष्म उद्धारपल्योपम ____३७४. से किं तं सुहुमे उद्धारपलिओवमे ?
सुहुमे उद्धारपलिओवमे से जहानामए पल्ले सिया-जोयणं आयाम-विक्खंभेणं, जोयणं उठें उच्चत्तेणं, तं तिगुणं सविसेसं परिक्खेवेणं, से णं पल्ले एगाहिय-बेहियतेहिय, उक्कोसेणं सत्तरत्तपरूढाणं सम्मट्टे सन्निचिते भरिते वालग्गकोडीणं। तत्थ णं एगमेगे वालग्गे असंखेज्जाइं खंडाई कज्जति। ते णं वालग्गा दिट्ठीओगाहणाओ असंखेजतिभागमेत्ता सुहमस्स पणगजीवस्स सरीरोगाहणाओ असंखेज्जगणा। ते णं वालग्गा णो अग्गी डहेज्जा, णो वाऊ हरेज्जा, णो कुच्छेज्जा, णो पलिविद्धंसेज्जा, णो पूइत्ताए हव्यमागच्छेज्जा। तओ णं समए एगमेगं वालग्गं अवहाय जावतितेणं कालेणं से पल्ले खीणे नीरए निल्लेवे णिहिए भवति, से तं सुहुमे उद्धारपलिओवमे।
एतेसिं पल्लाणं कोडाकोडी हवेज्ज दसगुणिया। तं सुहुमस्स उद्धारसागरोवमस्स उ एगस्स भवे परीमाणं॥३॥
कालप्रमाण-प्रकरण
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The Discussion on Kaal Pramana
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