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The modern equivalent of the said standards of that period are--108 angul = 6 ft 9 inches; 104 angul = 6 ft 6 inches and 96 angul = 6 ft
In modern times similar standards are · 100 angul = 6 ft 3 inches, 92 angul = 5 ft. 9 inches and 84 angul = 5 ft 3 inches. The beau appearance of the body, power of speech, weight and height of the body are said to be the qualities that give an impressive and dominating personality to a man. आत्मांगुल का प्रयोजन ____३३६. एएणं आयंगुलप्पमाणेणं किं पओयणं ? __एएणं आयंगुलप्पमाणे णं जे णं जया मणुस्सा भवंति तेसि णं तया अप्पणो अंगुलेणं अगड-तलाग-दह-नदी-वावी-पुक्खरिणि-दीहिया-गुंजालियाओ सरा सरपंतियाओ सरसरपंतियाओ बिलपंतियाओ आरामुजाण-काणण-वण-वणसंड-वणराईओ, देवकुल-सभा-पवा-थूभ-खाइय-परिहाओ, पागार-अट्टालग-चरिय-दारगोपुर-तोरण-पासाद-घर-सरण-लेण-आवण-सिंघाडग-तिय-चउक्क-चच्चरचउमुह-महापह-पह, सगड-रह-जाण-जुग्ग-गिल्लि-थिल्लि-सीय-संदमाणियलोही-लोहकडाह-कडुच्छु य-आसण-सतण-खंभ-भंड-मत्तोवगरणमादीणि अज्जकालिगाइं च जोयणाई मविज्जंति।
३३६. (प्र.) इस आत्मागुलप्रमाण का क्या प्रयोजन है ?
(उ.) इस आत्मांगुलप्रमाण से-अवट (कुआ), तडाग (तालाब), द्रह (जलाशय), नदी, वापी (चतुष्कोण वाली बावडी), पुष्करिणी (कमलयुक्त जलाशय), दीपिका (लम्बी-चौडी बावडी), गुजालिका (वक्राकार बावडी), सर (अपने आप बना जलाशय-झील), सरपंक्ति (पंक्ति रूप मे स्थित जलाशय), सरसरपंक्ति (नालियों द्वारा सम्बन्धित जलाशयों की पक्ति), बिलपंक्ति (छोटे मुख वाले कूपों की पंक्ति-कुंडियाँ), आराम (बगीचा), उद्यान (अनेक प्रकार के पुष्पो-फलों वाले वृक्षों से युक्त बाग), कानन (अनेक वृक्षों से युक्त नगर का निकटवर्ती प्रदेश), वन (जिसमे एक ही जाति के वृक्ष हों), वनखण्ड (जिसमें अनेक जाति के उत्तम वृक्ष हों), वनराजि (जिसमे एक या अनेक जाति के वृक्षों की श्रेणियाँ हों), देवकुल (यक्षायतन मन्दिर आदि), सभा, प्रपा (प्याऊ), स्तूप (स्मृति में बनाया हुआ स्तम्भ), खातिका (खाई), परिखा (नीचे सॅकडी और ऊपर विस्तीर्ण खाई), प्राकार (परकोटा), अट्टालक (परकोटे पर बना बुर्ज-अटारी), चरिका (खाई और प्राकार के बीच
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प्रमाण-प्रकरण
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The Discussion on Pramana
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