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से णं तत्थ विणिघायमावज्जेज्जा ? नो तिणढे समढे, णो खलु तत्थ सत्थं कमति।
(४) (प्र.) भते ! क्या वह व्यावहारिक परमाणु गगा महानदी के प्रतिस्रोत (प्रतिकूल या प्रवाह) से गति कर सकता है?
(उ.) हॉ, वह प्रतिकूल प्रवाह में शीघ्र गति कर सकता है। ___ (प्र.) क्या वहाँ उसमे प्रतिस्खलना (रुकावट) आती है ?
(उ.) ऐसा नहीं हो सकता है, क्योकि किसी भी शस्त्र का उस पर असर नहीं होता है।
(4) (Q.) Bhante ! Does this Vyavahar paramanu (empirical * ultimate-particle of matter) move fast against the flow of the great
river Ganges ? ___ (Ans.) Yes, it does move fast against the flow
(Q.) If so, does it get obstructed by the flow?
(Ans.) That is not possible because no weapon (in the form of flow of a stream) prevails there.
(५) से णं भंते ! उदगावत्तं वा उदगबिंदुं वा ओगाहेज्जा ? हंता ओगाहेजा। से णं तत्थ कुच्छेज्ज वा परियावज्जेज्ज वा ? णो इणढे समढे, नो खलु तत्थ सत्थं कमति। सत्थेण सुतिक्खेण वि छेत्तुं भेत्तुं व जं किर न सक्का। तं परमाणू सिद्धा वयंति आदी पमाणाणं ॥१॥ (५) (प्र.) भंते ! क्या वह व्यावहारिक परमाणु उदकावर्त (पानी के चक्राकार भँवर) और जल-बिन्दु मे अवगाहन कर सकता है ?
(उ.) हॉ, वह उसमे अवगाहन कर सकता है।
(प्र.) क्या वह उसमें पूतिभाव (सडान्ध या पर्यायान्तर) को प्राप्त हो जाता है ? __(उ.) ऐसा नही हो सकता है। उस परमाणु को जलरूपी शस्त्र सक्रमित नहीं कर सकता है।
सचित्र अनुयोगद्वार सूत्र-२
(88)
Mustrated Anuyogadvar Sutra-2
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