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अत्यन्त तीक्ष्ण शस्त्र से भी जिसका छेदन-भेदन नही किया जा सकता, उसको ज्ञानी(सिद्ध होने वाले पुरुष) केवली भगवान परमाणु कहते हैं। वह सर्व प्रमाणों का आदि प्रमाण है ॥१॥ विवेचन-प्राचीन आयुर्वेद ग्रन्थो मे परमाणु की परिभाषा इस प्रकार मिलती है
जालान्तरगते भानौ, यत् सूक्ष्मे दृश्यते रजः।
तस्य त्रिंशत्तमो भागः, परमाणुः स कथ्यते॥ मकान के ऊपर की जाली के छोट-छोटे छिद्रों द्वारा सूर्य की किरणावलियो के समुदाय मे जो बहुत ही सूक्ष्म कण दिखाई देते है, उस एक कण के ३०वे भाग को परमाणु कहा जाता है। ___ आधुनिक विज्ञान के अनुसार धूल के एक लघुतम कण मे दस पदम से भी अधिक परमाणु होते है। (जैनदर्शन और आधुनिक विज्ञान, पृ. ४७) ___ जैनदर्शन के अनुसार जिससे छोटी अन्य कोई वस्तु नही होती वह अत्यन्त सूक्ष्म अणु परमाणु है।
(5) (Q.) Bhante ! Does this Vyavahar paramanu (empirical ultimate-particle of matter) enter a whirlpool or a drop of water ?
(Ans.) Yes, it does enter. (Q.) If so, does it rot or transform in any way ?
(Ans.) That is not possible because no weapon (in the form water) prevails there
That which cannot be cut or pierced even by sharpest of weapons is called paramanu (ultimate-particle) by the omniscient. And that paramanu (ultimate-particle) is the primary unit of all standard measurements. (1) ___Elaboration The definition of paramanu (ultimate-particle) according to the ancient scriptures of Ayurveda (Indian science of medicine) is—The one thirtieth part of a dust particle seen suspended in air when rays of sunlight enter a closed room from the small holes in a grill at the ceiling
According to modern science the smallest dust particle contains more than ten thousand trillion (1,016) paramanus (Jain Darshan aur Adhunik Vijnana, p 47)
According to Jain metaphysics the smallest indivisible particle of matter is paramanu (ultimate-particle)
प्रमाण-प्रकरण
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The Discussion on Pramana
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