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एतेणं गणिमप्पमाणेणं भितग- भित्ति- भत्त-वेयण - आय - व्ययनिव्विसंसियाणं दव्वाणं गणिमप्पमाणनिव्वित्तिलक्खणं भवति । से तं गणिमे ।
३२७. ( प्र . ) गणिमप्रमाण का क्या प्रयोजन है
?
(उ.) इस गणिमप्रमाण से भृत्य - नौकर, कर्मचारी आदि की भित्ति - वृत्ति, भक्त - भोजन, वेतन के आय-व्यय से सम्बन्धित (व्यापार में हानि-लाभ आदि का हिसाब ) द्रव्यों की गिनती का प्रमाण जाना जाता है। यह गणिमप्रमाण है।
327. (Q.) What is the purpose of this Ganum pramana (numerical measure ) ?
(Ans.) This Ganim pramana (numerical measure) is used to count things like-coinage or currency related to salary and wages and food for servants and employees, income and expenditure (in business) etc.
This concludes the description of Ganım pramana (numerical measure).
(च) प्रतिमानप्रमाण
३२८. से किं तं पडिमाणे ?
पडिमाणे जण्णं पडिमिणिज्जइ । तं जहा- गुंजा कागणी निम्फावो कम्ममासओ मंडलओ सुवणो ।
पंच गुंजाओ कम्ममासओ, चत्तारि कागणीओ कम्ममासओ । तिण्णि निष्फावा कम्ममासओ, एवं चउक्को कम्ममासओ । बारस कम्ममासया मंडलओ, एवं अडयालीसा ( कागणीए ) मंडलओ । सोलस कम्ममासया सुवण्णो, एवं चउसट्ठीए ( कागणीए) सुवण्णो ।
३२८. ( प्र . ) प्रतिमानप्रमाण क्या है ?
( उ . ) जिससे प्रतिमान (स्वर्ण आदि का तोल) किया जाता है, उसे प्रतिमान कहते हैं। जैसे - (१) गुंजा - (चिरमी) - रत्ती, (२) काकणी, (३) निष्पाव (बडी उड़द या राजमास), (४) कर्ममाषक, (५) मंडलक, और (६) सुवर्ण ।
पाँच गुंजाओं - रत्तियों का, चार काकणियों का अथवा तीन निष्पाव का एक कर्ममाषक होता है। इस प्रकार चार काकणी का एक कर्ममाषक होता है। बारह कर्ममाषकों का
सचित्र अनुयोगद्वार सूत्र - २
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Illustrated Anuyogadvar Sutra-2
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