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एतेणं पडिमाणप्पमाणेणं सुवण्ण-रजत - मणि- मोत्तिय - संख - सिलप्पवालादीणं दव्वाणं पडिमाणप्पमाणनिव्यत्तिलक्खणं भवति । से तं पडिमाणे । से तं विभागनिष्फण्णे । सेतं दव्वपमाणए ।
३२९. (प्र.) इस प्रतिमानप्रमाण का क्या प्रयोजन है ?
( उ ) इस प्रतिमानप्रमाण के द्वारा सुवर्ण, रजत (चॉदी), मणि, मोती, शंख, शिला, प्रवाल ( मूँगा ) आदि द्रव्यों का परिमाण जाना जाता है। इसे ही प्रतिमानप्रमाण कहते हैं । यही विभागनिष्पन्नप्रमाण और द्रव्यप्रमाण है।
329. (Q.) What is the purpose of this Pratimaan pramana (precision weight measure ) ?
(Ans.) This Pratimaan pramana (precision weight measure) is used to weigh things like— gold, silver, gems, pearls, conch-shells, rough gems, coral etc.
This concludes the description of Pratimaan pramana (precision weight measure). This concludes the description of Vibhag nishpanna dravya pramana (fragmentary standard of physical measurement). This also concludes the description of Dravya pramana (standard of physical measurement).
(ख) क्षेत्रप्रमाण
३३०. से किं तं खेत्तप्पमाणे ?
खेत्तप्पमा दुवि पण्णत्ते । तं जहा - १. पदेसनिप्फण्णे य, २. विभागणिष्फण्णे य। ३३०. (प्र.) क्षेत्रप्रमाण क्या है ?
(उ.) क्षेत्रप्रमाण (भूमि, आकाश आदि की नाप ) दो प्रकार का है - ( १ ) प्रदेशनिष्पन्न, और (२) विभागनिष्पन्न ।
(B) KSHETRA PRAMANA
330. (Q.) What is this Kshetra pramana (standard of measurement of area)?
(Ans.) Kshetra pramana (standard of measurement of area of land, sky etc.) is of two kinds - ( 1 ) Pradesh nishpanna (space-point related), and (2) Vibhag nishpanna ( fragmentary).
सचित्र अनुयोगद्वार सूत्र - २
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Illustrated Anuyogadvar Sutra-2
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