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द्वादृशं पर्व
के मधुरारावाः के..पुष्पशाखिनः । के नोझते गन्धः केनाखिलार्थदृक् ॥ २३७॥ [ केकिनः मधुरारावाः *केसराः पुष्पशाखिनः । केतकेनोझते गन्धः “केवलेनाखिला 'र्थदृक् ॥२३७॥]
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[द्वयक्षरच्युतकप्रश्नोत्तरम् ]
कमला बिपी जरन् । को ''नृपतिर्वर्थ: को ''विदुषां मतः ॥ २३८॥ [ कोकिलो मञ्जुलालापः कोटरी विटपी जरन् । कोपनो नृपतिर्वर्थ: कोविदो विदुषां मतः ॥२३८॥]
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[ तदेव ] "स्वरभेदेषु" का "रुचिहा" रुजा । कारमयस्कान्तं का तारनिस्वना ॥२३९॥ [ काकली स्वरभेदेषु कामला रुचिहा रुजा । कामुकी 'रमयेत्कान्तं काहला तारनिस्वना ॥२३९॥ ] "का कला स्वरभेदेषु का मता रुचिहा रुजा । का मुहू रमयेत्कान्तं का हता तारनिस्वना ॥ २४०॥ [ एकाक्षरच्युतकेनो (एकाक्षरच्युन कदन्तकेनो) सरं तदेव ] पढ़ने योग्य क्या है ? माताने उत्तर दिया कि 'श्लोकः पाठ्योऽक्षरच्युतः' अर्थात् अक्षरच्युतहोनेपर भी श्लोक पढ़ने योग्य है। [यह एकाक्षरच्युत प्रश्नोत्तर जाति है ] || २३६|| किसी देवीने पूछा कि हे माता, मधुर शब्द करनेवाला कौन है ? सिंहकी प्रीवापर क्या होते हैं ? उत्तम गन्ध कौन धारण करता है और यह जीव सर्वज्ञ किसके द्वारा होता है ? इन प्रश्नोंका उत्तर देते समय माताने प्रश्नके साथ ही दो-दो अक्षर जोड़कर उत्तर दे दिया और ऐसा करनेसे श्लोकके प्रत्येक पादमें जो दो-दो अक्षर कम थे उन्हें पूर्ण कर दिया। जैसे माताने उत्तर दियामधुर शब्द करनेवाले केकी अर्थात् मयूर होते हैं, सिंहकी ग्रीवापर केसर होते हैं, उत्तम गन्ध केतकीका पुष्प धारण करता है, और यह जीव केवलज्ञानके द्वारा सर्वश हो जाता है [ यह द्वयक्षरच्युत प्रश्नोत्तर जाति है ] ||२३|| किसी देवीने फिर पूछा कि हे माता, मधुर आलाप करनेवाला कौन है ? पुराना वृक्ष कौन है ? छोड़ देने योग्य राजा कौन हैं ? और विद्वानोंको प्रिय कौन है ? माताने पूर्व श्लोककी तरह यहाँ भी प्रश्नके साथ ही दो-दो अक्षर जोड़कर उत्तर दिया और प्रत्येक पादके दो-दो कम अक्षरोंको पूर्ण कर दिया । जैसे माताने उत्तर दियामधुर आलाप करनेवाला कोयल है, कोटरवाला वृक्ष पुराना वृक्ष है, क्रोधी राजा छोड़ देने योग्य है और विद्वानोंको विद्वान् ही प्रिय अथवा मान्य है । [ यह भी द्वयक्षरच्युत प्रश्नोत्तर जाति है ] ||२३|| किसी देवीने पूछा कि हे माता, स्वरके समस्त भेदोंमें उत्तम स्वर कौन-सा है ? शरीर की कान्ति अथवा मानसिक रुचिको नष्ट कर देनेवाला रोग कौन-सा है ? पतिको कौन प्रसन्न कर सकती है ? और उच्च तथा गम्भीर शब्द करनेवाला कौन है ? इन सभी प्रश्नोंका उत्तर माताने दो-दो अक्षर जोड़कर दिया जैसे कि स्वरके समस्त भेदोंमें वीणाका स्वर उत्तम है, शरीरको कान्ति अथवा मानसिक रुचिको नष्ट करनेवाला कामला (पीलिया) रोग है, कामिनी स्त्री पतिको प्रसन्न कर सकती है और उच्च तथा गम्भीर शब्द करनेवाली भेरी है । [ यह श्लोक भी द्वयक्षरच्युत प्रश्नोसर जाति है ] ||२३९|| किसी देवीने फिर पूछा कि हे माता, स्वरके भेदोंमें उत्तम स्वर कौन-सा है ? कान्ति अथवा मानसिक रुचिको नष्ट करनेवाला रोग कौन-सा है ? कौन-सी स्त्री पतिको प्रसन्न कर सकती है और ताड़ित होने पर गम्भीर
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१. वद के मधुरारावाः बद के पुष्पशाखिनः । बद केनोह्यते गन्धो वद केनाखिलार्थदृक् ॥ प० । २. के मधुरारावाः एतच्छ्लोकेऽपि तथैव । ३. हरिकन्धरे अ०, ल० । ४. नागकेसराः । ५. केवलज्ञानेन । ६. सकलपदार्थदर्शी । ७ को मञ्जुलालापः एतस्मिन्नपि तथैव । 'प' पुस्तके प्रत्येकपादादी 'वद' शब्दोऽधिको विद्यते । ८. मञ्जुलालापी द० । ९. 'प' पुस्तके प्रतिपादादी 'वद' शब्दोऽधिको दृश्यते । १०. स्वरभेदेषु का प्रशस्या । ११. कान्तिघ्ना । १२. उच्चरवा । एतस्मिन्नपि तथा । का कला स्वरभेदेष्विति श्लोकस्थ प्रश्नेषु तृतीयतृतीयाक्षराण्यपनीय त्यक्त्वा काकली कलिंभेदेष्विति श्लोकस्थोत्तरेषु तृतीयतृतीयाक्षराण्यादाय तत्र मिलिते सत्युत्तरं भवति । १३. कामिनी अ०, प०, ल० । १४. 'अ' पुस्तके नास्त्येवायं श्लोकः ।
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