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सुप्रबुद्धा और प्रभंकरी ये चार वापिकाएँ उत्तर दिशाके मानस्तम्भको पूर्वादि दिशाओं में हैं।
२२।११०
नन्द्यावर्त - ऐशान स्वर्गका एक
विमान
९।१९१
नरगीत - वि. द. श्रे का एक
नगर
१९।३४
नित्यवाहिनी - वि. द थे. का एक नगर
१९/५२
निश्योद्योतिनी - वि. द. थे. का एक नगर
१९५२
निमिष-वि. उ. श्रे का एक
नगर
१९।८३
निषेध - एक कुलाचल जिसपर सूर्योदय और सूर्यास्त होते हैं १२।१३८
नील- एक कुलाचल ५।१०९
प
पंकप्रभा - चौथो पृथिवी
१०1३१ पञ्चमार्णव-क्षीरसागर १३।११२
पचाल - एक देश
१६।१५३ पल्लव-दक्षिणका देश
१६।१५५ पलाल पर्वत घातकी खण्ड विदेह क्षेत्र गन्धिला देशका एक
ग्राम
६।१३५ प्रभा - दूसरे स्वर्गका विमान
८२१४
भौगोलिक शब्दसूची
प्रभाकर - ऐशान स्वर्गका एक विमान
९।१९२
प्रभाकरपुरी - पुष्करवर द्वीपस्थ विदेहकी एक नगरी
७३४
पाटलीग्राम - धातकी खण्ड विदेह क्षेत्र गन्धिला देशका एक.
नगर
६।१२७
पाण्डुक - मेरुका एक वन ५।१८३ पाटात्रि- प्रत्यन्त पर्वत
५।१७९
प्राग्विदेह - पूर्वविदेह
५।१९३
प्राणत-चौदहवाँ स्वर्ग
७/३९ प्रीतिवर्द्धन - एक विमान
७।२६
पुण्ड्र - आधुनिक बंगालका उत्तरी भाग, अपर नाम गोड देश १६।१५२ पुण्डरीक - वि. द. का एक
नगर
१९।३६
पुरंजय - वि. द.. का एक नगर १९।४३ पुरिमताल - एक नगर
२४।१७१ पुष्कलावती - विदेहका एक देश
६।२६
पुष्पचूल - वि. उ.श्र े. की एक नगरी
१९/७९ पूर्वमन्दर - पूर्व मेरु ७।१३
फ
फेन - वि. उ. श्र. का एक नगर १९।८५
बंग - बंगाल
व
१६१५२
बलाहक - वि.उ.श्र े. की एक नगरी
१९/७९
बहुकेतुक - वि.द.श्र े. का एक नगर १९।३५
बहुमुखी - वि.द.. का एक नगर १९।४५
भ
मशाल - मेरुका एक वन
५।१८२
मद्राश्व-वि.उ.श्रे. का एक नगर
१९८४
भरत -भरत क्षेत्र
१५।१५८
६५१
भारत - हिमवत्कुलाचल और लवणसमुद्र के बीचका क्षेत्र जो कि ५२६६ योजन विस्तारवाला है
१५।१५९
भूमितिलक - वि. उ. . का एक
नगर
१९।८३
म
मगध-विहारप्रदेश राजगृहीका पावर्ती प्रदेश
१६।१५३
मघवी - छठीं पृथिवी १०1३२
मंगलावती - विदेहक्षेत्रका एक देश ७। १४
मणिवज्र- वि.उ.श्र े. का एक नगर १९१८४ मनोहर - एक उद्यान
६।८६ मन्दर - मेरु पर्वत
५ २९०