Book Title: Adi Puran Part 1
Author(s): Jinsenacharya, Pannalal Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 742
________________ ६५२. आदिपुराणम् - नगर मन्दिर-वि.उ.श्रे. का एक नगर । १९८२ महाकच्छ-पूर्व विदेहका एक देश ५।१९३ महाकूट-वि.द.श्रे. का एक नगर १९।५१ महाज्वाल-वि.उ.श्रे.का एक नगर १९८४ महापूतजिनालय-एक मन्दिरका नाम ६।१७९ महाराष्ट्र-एक देश १६४१५४ महेन्द्रपुर-वि. उ. श्रे. का एक नगर नगर १९८८६ . माधवी-सातवीं पृथिवी १०३२ 'मानुषोत्तर पर्वत-पुष्करवर द्वीपके मध्यमें स्थित चूड़ीके आकार का एक पर्वत ५।२९१ मालव-एक देश १६३१५३ माहेन्द्र-चौथा स्वर्ग ७.११ मुक्ताहार-वि. उ.श्रे. का एक नगर १९४८३ मेखलामनगर-वि. द. श्रे. का एक नगर १९।४८ मेघकूट-वि. द. श्रे. का एक नगर १९।५१ रतिकूट-वि. द. श्रे.का एक नगर | वज्रार्गल-वि. द. श्रे. का एक १९५१ रत्नपुर-वि. उ. श्रे. का एक १९।४२ नगर वस्स-एक देश १९८७ १६।१५३ रत्नप्रमा-पहली पृथ्वी (पहला । वस्सकावती-पुष्कराके पश्चि:नरक) भागस्थ पूर्व विदेहका एक देश १०१३१ . -७१३३ रन सञ्चय-पुष्कर द्वीपके पूर्व वनवास-दक्षिण भारतका विदेहसम्बन्धी मंगलावती एक देश देशका एक नगर १६।१५४ १०।११५ वसुमती-वि. उ. श्रे. का एक रखसञ्चय-विदेह क्षेत्र मङ्गलावती देशका एक नगर १९८० ७।१४ वसुमत्क-वि.उ.श्रे. का एक रत्नाकर-वि. उ. श्रे. का एक नगर नगर १९८० १९८६ वालुकाप्रमा-तीसरो पृथिवी रथनूपुरचक्रवाल-वि. द. श्रे.का १०॥३१ एक नगर वाहीक-एक देश १९।४६ १६।१५६ रम्यक-एक देश विचित्रकूट-वि.द.श्रे. का १६३१५२ एक कूट रुषित-दूसरे स्वर्गका एक विमान १९५१ ८।२१३ विजयपुर-वि. उ.श्रे. का एक रौप्यादि-विजया पर्वत नगर १९।८६ ७।२८ विजयपुर- एक नगर ८।२२७ लोहार्गल-वि. द. श्रे. का एक विजया-वि. द.श्रे. का एक नगर नगर १९५० १९।४१ विजया -विजया पर्वत, इनकी अढ़ाई द्वीपमें १७० संख्या है वज्रपुर-वि. उ. श्रे. का एक ४१८१ नगर विदर्भ-बरार १९८६ १६।१५३ वज्राय-वि. द. श्रेणी का एक | विदेह-मिथिलाका पार्श्ववर्ती नगर एक देश १९।४२ १६।१५५ ल यवन-एक देश (यूनान) - १६१५५ रुचक-रुचकवर द्वीपमें स्थित एक | पर्वत ५॥२९१ . .

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