Book Title: Adi Puran Part 1
Author(s): Jinsenacharya, Pannalal Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith
________________
विशिष्ट शब्दसूची
६८७
कान्तारचर्या-वनमें ही आहारार्थ कूटनाटक-कपटसे भरा नाटक गमक-टोकाकार ११४४ भ्रमण करनेकी प्रतिज्ञा १७१३८
गम्यूति-एक कोश ३१५४ ८१६८
कृकवाकु-मुरगा १२।१३२ . गीर्वाणाधिप-इन्द्र १५ कापिल-सांस्यमत १८१६२ कृकवाकूयित-मुरगाके समान गुच्छ-जिसमें बत्तीस लड़ियां कायमान-तम्बू ८।१६६
आचरण करनेवाले हों ऐसा हार १६३५९ कार्पण्य-दोनता ७२६७
१४।१९७
गुरु-पिता ७९८ कार-शूद्रवर्णका एक भेद (धोबी कृतयुगारम्भ-आषाढ़ मासके गुरु-पिहितास्रवमुनि ७९९
आदि स्पृश्य शूद्र) १६।१८५ कृष्णपक्षकी प्रतिपदाके गुरु-पिता २४२ कालकालाम-अत्यन्त काले दिन भगवान् आदिनाथने गुणक-देवविशेष १७।१०१ १०१९६
कृतयुगका प्रारम्भ किया
गृहकोकिल-छिपकली ५।१०२ काठा-सीमा १३१८५
था १६६१९०
गोक्षुर-गोखुरू-कोटेदार एक किम्जस्क-केशर १२।११३ केशव-नारायण १११७०
वनस्पति १०११०१ कुक्कुटसंपात्य-पास-पासमें बसे केशाकेशि-बाल पकड़कर होने.
गोमभिका-गायपर बैठनेवालो हए ४।६४ वाला युद्ध ३।११४
एक खास प्रकारकी मक्खी, कोको-चकवी १५।१०६ कुणप-मुर्दा १०१००
जिसे ग्रामीण लोग बघही कोण-भेरी बजानेमें काम मानेकुसपन्यास-वाद्योंका न्यास
कहते है २४।४८ वाला दण्ड १५।१४६ १४।१००
क्रमपल्लव-पल्लवोंके समान थार-हाथियोंपर डालनेकी
कोमल चरण १४४१४२
घनात्यय-शरत्काल १९८२ मूल ३।११९ कुरव-खोटे शब्दसे युक्त
क्रमुक--सुपारी १७३२५२ क्षण-उत्सव १५।९९
चक्रवन-चक्रके चिह्नसे सहित १२।२०७ क्षणदा-रात्रि ५।२१५ ।
ध्वजाएं २२।२३५ कुरुष्वज-कुरुवंशमें श्रेष्ठ राजा
क्षणदामुल-रजनीमुख-रात्रिका चक्राहा-बकवी ६५० सोमप्रभ और उनके,
प्रारम्भकाल १४१५७ चतुरखिका-वार कोनवाली छोटे भाई श्रेयान्स २०११२० क्षणप्रमा-विजली ५।२१५
२२।१७४ इस्माईक-कुरुवंशमें श्रेष्ठ क्षतज-खून ५।१०८
चतुव-सम्यग्दर्शन, सम्यज्ञान, हस्तिनापुरके राजा सोम
क्षपग-एक महीनाका उपवास सम्याचारित्र और सम्यक प्रभ.२०११११ ८२०२
तप इन चार बाराधना कुळधर-कुलकर, ये तृतीय कालके क्षामता-कृशता ६।१६४
रूप १५४९ अन्तमें हए है इनकी संख्या । शेम-प्राप्त वस्तुकी रक्षा करना परमा-अन्तिम शरीर धारण १४है १२४ १६।१६८
करनेवाला-तद्भवमोक्षगामी कुरूपत्र-ताम्रपत्र, जिसमें वंशा-- माज-वृक्ष ३६११४.
१५.१२६ -वली बादि लिखी जाती क्ष्माज-वृक्ष १८५८०
चषक-पानपात्र-कटोरा ग्लास है। २।९९
मादि ९।४७ नव-घोंसला ४॥६७ खरांश-सूर्य १२॥१३३
चामीकर-सुवर्ण ३१५८ कुलाक-कुम्भकार ३१४ खाता-गरिखा. १९५३
चार्वी-सुन्दरी १२११६७ कविम्ब-जुलाहा ४२६
सास्कृत-खकारा हुमा १३१४४ | चिजम्मा-काम २२६८९ कुबली-बेर ९७२
चैत्याम-पत्य वृक्ष-गिसकेर कवडीफल-बर ३१३० गणरान-बहुत रात्रियाँ ११९९ . नीचे प्रतिमा विराजमान सुमेषु-कामदेव ६६५
गरवरी-नाशशील, १६॥२३३ . रहती है ।२४
९३
Page Navigation
1 ... 775 776 777 778 779 780 781 782