________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
-
अभिज्ञ
अभिप्रेत अभिज्ञ-वि (सं०) जानकार, विज्ञ, निपुण, तथा लक्षणों को धारण करना, नकल कुशल ।
करना, स्वांग बनाना, नाटक का खेल, अभिज्ञता-संज्ञा, स्त्री० (सं० ) विज्ञता, | नाट्य-कौतुक । पांडित्य, नैपुण्य ।
अभिनव-वि० (सं० ) नया नवीन, नव्य, अभिज्ञान-संज्ञा, पु० (सं०) स्मृति, ख्याल, नूतन । स्मरण, लक्षण, पहचान, निशानी, सहि अभिनवगुप्त--संज्ञा, पु. ( सं० ) संस्कृत दानी, परिचायक चिन्ह स्मारक चिन्ह । के एक प्रसिद्ध, अलंकार-वेत्ता, ये शैव थे, अभिधा-संज्ञा, स्त्री० (सं० ) शब्दों के इनके ८ प्रधान ग्रन्थ हैं, इनका जन्म समय नियत अर्थी से निकलने वाले अर्थ के १९३ ई० से १०१५ ई० के बीच में प्रगट करने वाली शब्द-शक्ति, नाम कहा जाता है। संज्ञा, वाच्यार्थ देने वाली क्षमता। अभिनिविष्ट-वि० (सं० ) धंसा हुअा, गड़ा अभिधान—संज्ञा, पु. ( ... ) नाम, संज्ञा, ! हुना बैठा हुअा, अनन्यमन से अनुरक्त, कोश, शब्दार्थ-प्रकाशक कोष कथन, लिप्त मग्न, मनोयोगी, प्रणिहित । लकब, उपनाम ।
अभिनिवेश-संज्ञा, पु० (सं० ) प्रवेश, पैठ, अभिधायक- वि० (सं० ) नाम रखने गति, मनोयोग, लीनता, एकाग्र चिंतन, वाला, कहने वाला, सूचक ।
दृढ़ सङ्कल्प, तत्परता, मरण भय से उत्पन्न अभिधर्म-वि० (सं० ) प्रतिपाद्य, वाच्य, लश, मृत्यु-शंका, प्रणिधान, विचार । जिसका नाम लेते ही बोध हो जाये। अभिनीत-वि० (सं०) निकट लाया संज्ञा, पु. ( सं० ) नाम, अभिधान । हुआ, सुसज्जित अलंकृत, उचित, न्याय, अभिनंदन - संज्ञा, पु. ( सं० ) अानन्द, अभिनय किया हुआ, खेला हुआ (नाटक ) सन्तोष, प्रशंसा, उनेजना, प्रोत्साहन अभिनेता-संज्ञा, पु० (सं० ) अभिनय विनय, प्रार्थना, विनम्र विनती।
करने वाला व्यक्ति, स्वांग दिखाने वाला, यौ० अभिनंदन-पत्र--सादर या प्रतिष्ठा- नट, ऐक्टर ( अं० )। सूचक पत्र जो किसी बड़े आदमी के अाग- स्त्री० अभिनेत्री। मन पर हर्ष और संतोष प्रगट करने के लिये अभिनेय-वि० (सं० ) अभिनय करने उसे सुनाया और अर्पित किया जाता है। योग्य, खेलने योग्य ( नाटक )। ऐडस ( अं० ) अभिनंदन-ग्रंथ-सम्मान- अभिन्न-वि० ( सं० ) जो भिन्न या पृथक सूचक लेखों, कविताओं, संस्मरणों, परि- न हो, एकमय, मिला हुआ, सम्बद्ध, संयुक्त, चायक लेखों तथा स्फुट सुन्दर लेखों । मिश्रित मिलित, अपृथक । का संग्रह जो किसी विद्यावयोवृद्ध बड़े अभिन्नपद--संज्ञा, पु० (सं० ) श्लेशालं. साहित्यिक या महापुरुष को सादर समर्पित कार का एक भेद जिसमें शब्द बिना विभक्त किया जाता है।
किये ही अन्य अर्थ देता है, अभंगरलेष । अभिनंदनीय-वि० (सं० ) प्रशंसनीय, अभिन्नहृदय-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) प्रगाढ़ वंदनीय, आदरणीय, प्रशंसा के योग्य । मित्र, सुहृद ।। अभिनंदित-वि० (सं० ) वंदित, प्रशंपित अभिप्राय-संज्ञा, पु० (सं० ) श्राशय, सम्मानित ।
मतलब, अर्थ तात्पर्य । अभिनय-संज्ञा, पु० (सं० ) कुछ समय | अभिप्रेत-वि० ( सं० ) इष्ट, अभिलषित, के लिये दूसरे व्यक्तियों के कथन, वस्त्राभरण | अभीष्ट ।
For Private and Personal Use Only