Book Title: Jain Dharma Darshan Ek Samikshatmak Parichay
Author(s): Mohanlal Mehta
Publisher: Mutha Chhaganlal Memorial Foundation Bangalore
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तत्त्वविचार
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भेदों के आधार से बनने वाले छ: भेदों का भी वर्णन मिलता है।' ये छः भेद निम्नलिखित हैं -
१. स्थूलस्थूल-मिट्टी, पत्थर, काष्ठ आदि ठोस पदार्थ इस श्रेणी में आते हैं।
२. स्थूल-दूध, दही, मक्खन, पानी, तैल आदि द्रव पदार्थ स्थूल विभाग के अन्तर्गत हैं ।
३. स्थूलसूक्ष्म-प्रकाश, विद्युत्, उष्णता आदि अभिव्यक्तियाँ स्थूलसूक्ष्म कोटि में आती हैं।
४. सूक्ष्मस्थूल-वायु, वाष्प आदि सूक्ष्मस्थूल भेद के अन्तर्गत हैं। .
५. सूक्ष्म-मनोवर्गणा आदि अचाक्षुष (जो चक्षुरादि इन्द्रियों के विषय नहीं हैं ) स्कन्ध सूक्ष्म हैं।
६. सूक्ष्मसूक्ष्म-अन्तिम निरंश पुद्गल-परमाणु सुक्ष्मसूक्ष्म कोटि में आते हैं।
जो पुद्गल-स्कन्ध अचाक्षुष है वह भेद और संघात से चाक्षुष होता है । जब किसी स्कन्ध में सूक्ष्मत्व की निवृत्ति होकर स्थूलत्व की उत्पत्ति होती है तब कुछ नये परमाणु उस स्कन्ध में अवश्य मिलते हैं। इतना ही नहीं अपितु कुछ परमाणु उस स्कन्ध में से अलग भी हो जाते हैं। मिलना और अलग होना, यही संघात और भेद है। इसीलिए यह कहा गया है कि अचाक्षुष से चाक्षुष होने के लिए भेद और संघात दोनों अनिवार्य हैं। पुद्गल का कार्य :
स्थूल-स्थूल, स्थूल, स्थूल-सूक्ष्मादि भेदों का सामान्य परिचय दिया जा चुका है। यहाँ पुद्गल के कुछ विशिष्ट कार्यों का परिचय
१. नियमसार, २१.
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