Book Title: Jain Dharma Darshan Ek Samikshatmak Parichay
Author(s): Mohanlal Mehta
Publisher: Mutha Chhaganlal Memorial Foundation Bangalore
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जैन धर्म-दर्शन
६. पद्मप्रभ कुसुम अच्युता कमल ७. सुपार्श्वनाथ मातंग शान्ता स्वस्तिक ८. चन्द्रप्रभ विजय ज्वाला
चन्द्र ६. सुविधिनाथ अजित सुतारा मगर १०. शीतलनाथ ब्रह्म अशोका श्रीवत्स ११. श्रेयांसनाथ मनुज श्रीवत्सा गैंडा १२. वासुपूज्य सुरकुमार प्रवरा
भैसा १३. विमलनाथ षण्मुख विजया सूअर १४. अनन्तनाथ पाताल अंकुशा
बाज १५. धर्मनाथ किन्नर पन्नगा
वज़ १६. शान्तिनाथ गरुड निर्वाणी हिरन १७. कुंथुनाथ गन्धर्व
अच्युता
बकरा १८. अरनाथ यक्षेन्द्र धरणी
नन्दावर्त १६. मल्लिनाथ कूबर वैरोट्या कलश २०. मुनिसुव्रत वरुण अच्छुप्ता कछआ २१. नेमिनाथ भृकुटी गान्धारी नीलकमल २२. अरिष्टनेमि गोमेध अम्बा
शंख (नेमिनाथ) २३. पार्श्वनाथ वामन पद्मावती सर्प २४. महावीर मातंग सिद्धायिका
(वर्षमान) मनुष्य :
* मनुष्य तथा तिर्यञ्च (पशु-पक्षी एवं पेड़-पौधे आदि) मध्य लोक में रहते हैं । मनुष्य दो प्रकार के होते हैं : आर्य तथा म्लेच्छ । जो सद्गुणों को धारण करते हैं वे आर्य कहलाते हैं। इनके भी दो भेद हैं : एक जो अलौकिक शक्ति धारण करते हैं और दूसरे जिन्हें ऐसी शक्ति प्राप्त नहीं होती । असाधारण
सिंह
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