Book Title: Jain Dharma Darshan Ek Samikshatmak Parichay
Author(s): Mohanlal Mehta
Publisher: Mutha Chhaganlal Memorial Foundation Bangalore
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५६०
जैन धर्म दर्शन
पृष्ठ
४३४
२६२
८७
५०३ ३१८
४६८ ११७, १२२
३६५
३०६
५२४
पत्रपरीक्षा पदार्थ पद्मनंदि पद्मप्रभ पद्मावती पन्नग परंपरागम परक्रिया परतःप्रामाण्यवाद परमागम परमाणु परमात्मपद परमाथामिक परमावधि परलोकाशंसाप्रयोग परविवाहकरण परव्यपदेश परसामान्य पराघात परार्थानुमान परिग्रह परिग्रहत्यागप्रतिमा परिणाम परिभोग परिवर्तन परिवर्तना
पृष्ठ शब्द
८६ परिस्रव ११५ परीक्षा
६८ परीक्षामुख
२४० परीषहजय २३६, २४० परोक्ष २४० पर्याप्त
पर्याय २८ पर्यायाधिक ३११
पर्युषणा पर्युषणाकल्प पाटलिपुत्र पाणिपात्र पाताल
पात्रकेशरी ५६०
पात्रधारी ५४२
पात्रषणा पादपोपगमनमरण
पाप ४६७
पापकर्मोपदेश पारिषद्य पार्मेनिडीस
पाव १२६, २१६
पाश्चंद्रगणि ५४६ पार्श्वनाथ २१६ पावा ५२६ पावापुरी
५२३ २४०, ५२६
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२७६
८२
५२६
२८
४३६, ४७६
५५० २३८
६, ७, ९, ४७
१४
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