Book Title: Jain Dharma Darshan Ek Samikshatmak Parichay
Author(s): Mohanlal Mehta
Publisher: Mutha Chhaganlal Memorial Foundation Bangalore

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Page 658
________________ 9 अप्रैल, 1928 को कानोड़ (उदयपुर - राजस्थान) के एक निर्धन परिवार में जन्म / प्रारम्भिक शिक्षा कानोड़ एवं ब्यावर (जैन गुरुकुल) में / 1946 से 1956 तक पार्श्वनाथ विद्याश्रम, वाराणसी के छात्र / सन् 1955 में दर्शन में डॉक्टरेट की उपाधि / सन् 1956 से 1961 तक राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग में राजपत्रित अधिकारी / प्रो. डॉ. मोहनलाल मेहता सन् 1961 से 1964 तक ला. द. भारतीय संस्कृति विद्यामन्दिर, अहमदाबाद के उपनिदेशक / सन् 1964 से 1977 तक पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान, वाराणसी के निदेशक तथा बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में जैनविद्या एवं प्राकृत के सम्मान्य प्राध्यापक / सन् 1977 से 1988 तक पूना विश्वविद्यालय मे जैन दर्शन के प्राध्यापक / सन् 1975 में विश्वयात्रा एवं विभिन्न विश्वविद्यालयों तथा संस्थानों में जैनविद्या के विविध पहलुओं पर व्याख्यान / उत्तर प्रदेश तथा राजस्थान की सरकारों द्वारा विभिन्न पुस्तकें पुरस्कृत / - प्रकाशित ग्रन्थ 1. Outlines of Jaina Philosophy (1954) 10. जैन दर्शन (1959). 2. Outlines of Karma in 11. गणितानुयोग (1959) Jainism (1954) 3. Jaina Psychology (1957) 12. जैन आचार (1966) 4. Jaina Culture (1969) 5. Jaina Philosophy (1971) 13. जैन साहित्य का बृहद् इतिहास 12. 6. Prakrit Proper Names (1966-68) (1970-72) 7. Jaina Technical Terms 14. प्राकृत और उसका साहित्य (1966) (1981-84) 8. Jaina Theory of Knowledge 15. जैन धर्म-दर्शन (1973) (1995) 16. जैन धर्म-दर्शन : एक 9. Jaina Philosophy: An Introduction (1998) समीक्षात्मक परिचय (1999) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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