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तत्त्वविचार
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मछलियां, कछए, घड़ियाल आदि जलचर होते हैं। स्थलचर जन्तुओं के दो प्रकार होते हैं-चौपाये तथा रेंगनेवाले । चौपायों के चार प्रकार होते हैं-ठोस खुरवाले जैसे घोड़े आदि, दो खुरवाले जैसे गायें आदि, कई खुरवाले जैसे हाथी आदि, वैसे जानवर जिनके नखवाले पंजे होते हैं जैसे सिंह आदि । रेंगनेवाले जन्तुओं के दो भेद होते है-वे जो अपनी बाहों पर चलते हैं और वे जो छाती के बल रेंगते हैं। छिपकली आदि प्रथम प्रकार के हैं तथा सांप आदि द्वितीय प्रकार के । नभचरों के चार प्रकार होते हैं-वे जिनके पर झिल्लीदार होते हैं, वे जिनके पर पंख वाले होते हैं, वे जिनके पर पेटी की तरह होते हैं और वे जो परों को बाहर करके बैठते हैं।'
१. उत्तराध्ययन, ३६. ६६.१८५
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