Book Title: Jain Dharma Darshan Ek Samikshatmak Parichay
Author(s): Mohanlal Mehta
Publisher: Mutha Chhaganlal Memorial Foundation Bangalore

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Page 585
________________ भगवद्गीता भारतीय दर्शन - उमेश मिश्र मज्झिमनिकाय महाभाष्य - पतंजलि माध्यमिककारिका नागार्जुन मुक्तावली - विश्वनाथ मुण्डकोपनिषद् योगसूत्र - पतंजलि रत्नाकरावतारिका (प्रमाणनयतत्वालोक - टीका ) - रत्नप्रभ राजप्रश्नीय लघीयस्त्रय - अकलंक लीस्त्रय - टीका - अकलंक लंकावतारसूत्र विशुद्धिमार्ग ( ५७० ) विशेषावश्यकभाष्य - जिनभद्र विंशतिका - वसुबन्धु वेदान्तसिद्धान्तमुक्तावली - प्रकाशानन्द वैशेषिकसूत्र - कणाद शाङ्करभाष्य (शारीरकभाष्य ) - शंकराचार्य शाबरभाष्य- शबरस्वामी शान्तिपर्व (महाभारत) शास्त्र वार्तासमुच्चय - हरिभद्र श्रमण (मासिक) श्रीभाष्य - रामानुज श्लोकवार्तिक - कुमारिल श्वेताश्वतरोपनिषद् Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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