Book Title: Jain Dharma Darshan Ek Samikshatmak Parichay
Author(s): Mohanlal Mehta
Publisher: Mutha Chhaganlal Memorial Foundation Bangalore
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जैन धर्म-दर्शन
पृष्ठ
५२४
२७१ २०२
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४६८
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तेरहपंथी तेरापंथी तेजस त्रस त्रसदशक त्रायस्त्रिश त्रिमुख विलक्षणकदर्थन त्रिलोकप्रज्ञप्ति त्रिवस्त्रधारी সিয়ালা थेलिस दक्षिणापथ दर्शन दर्शनप्रतिमा दर्शनमोहनीय दर्शनावरण दर्शनावरणीय दर्शनोपयोग दशवैकालिक दशाश्रु तस्कंध दानान्तराय दिक्कुमार दिगम्बर दिगम्बरत्व दिङ नाग
पृष्ठ शब्द २० दिद्रिवाय
दिनचर्या २०४ दिशा-परिमाण २४४, दीघनिकाय ४६७ दीर्घकालिकी
दुःख दुःस्वर दुरितारि दुर्भग दुष्पक्वाहार दृष्टसाधर्म्यवत् दृष्टान्त
दष्टिवाद २६१ दष्टिवादोपदेशिकी
देव ४६४ देवगुप्त
देवचन्द्रसूरि
देवद्धिगणि १५६
देववाद ४३, ४४
देविदथय
देवेन्द्र २३७ देवेन्द्रसूरि
देवेन्द्रस्तव
देशविरत ८२ देशसंयत
३०२
३२९ २२, २३
२७१
२३६,४३०
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६०
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२१, २३
देवायु
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४७२
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.. ५४, ५६
५३२
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