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सापेक्षवाद
३७१ १७. एक देश सद्भावपर्यायों से आदिष्ट है, एक देश असद्भाव
पर्यायों से आदिष्ट है और दो देश तदुभयपर्यायों से आदिष्ट हैं, इसलिए चतुष्प्रदेशी स्कन्ध आत्मा है, नहीं है और (दो)
अवक्तव्य हैं। १८. एक देश सद्भावपर्यायों से आदिष्ट है, दो देश असद्भावपर्यायों से आदिष्ट हैं और एक देश तदुभयपर्यायों से आदिष्ट है, इसलिए चतुष्प्रदेशी स्कन्ध आत्मा है, (दो)
नहीं हैं और अवक्तव्य है। १६. दो देश सद्भावपर्यायों से आदिष्ट हैं, एक देश असद्भावपर्यायों से आदिष्ट है और एक देश तदुभयपर्यायों से आदिष्ट है, इसलिए चतुष्प्रदेशी स्कन्ध (दो) आत्माएं हैं, नहीं है और अवक्तव्य है।
चतुष्प्रदेशी स्कन्ध का १६ भंगों में उत्तर देकर पंचप्रदेशी स्कन्ध के विषय में २२ भंगों में उत्तर देते हैं१. पंचप्रदेशी स्कन्ध आत्मा के आदेश से आत्मा है। २. पंचप्रदेशी स्कन्ध पर के आदेश से आत्मा नहीं है। ३. पंचप्रदेशी स्कन्ध तदुभय के आदेश से अवक्तव्य है। ४-६. चतुष्प्रदेशी स्कन्ध के समान हैं । ७. दो या तीन देश आदिष्ट हैं सद्भावपर्यायों से और दो या
तीन देश आदिष्ट हैं असद्भावपर्यायों से, अतएव पंचप्रदेशी स्कन्ध ( दो या तीन ) आत्माएँ हैं और ( दो या तीन ) आत्माएं नहीं हैं ( सद्भावपर्यायों में यदि दो देश लेने हों तो असद्भावपर्यायों में तीन देश लेने चाहिए और सद्भावपर्यायों में यदि तीन देश लेने हों तो असद्भावपर्यायों में दो देश लेने चाहिए)।
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