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२१ ब्रह्मचारीजीकी विचित्र स्थिति और अजीव निर्णय ३२१ ( महावीर का जो परिचय दिलाया है उसमे महावीरका एक विशेषण 'अद्धगतो वयो' ( अर्घगतवयः) भी दिया है। जिससे यह स्पष्ट जाना जाता है कि इस परिचयके समय महावीर अधेड उम्रके थे अर्थात् उनकी अवस्था ५० वर्षके लगभग थी। और इसलिए वे अधिक नही तो अजातशत्रुके राज्यके २२वें वर्ष तक जीवित रहने चाहिये, क्योकि उनकी अवस्था प्रायः ७२ वर्षकी थी।
(३) अजातशत्रुके राज्यके ८ वें वर्ष बुद्ध-निर्वाण और २२ वे वर्ष महावीर-निर्वाण होनेसे महावीर-निर्वाण बुद्ध-निर्वाणसे १४ वर्ष बाद पाया जाता है।
(४) 'भगवतीसूत्र' आदि श्वेताम्बर ग्रन्थोसे भी ऐसा मालूम होता है कि महावीर-निर्वाणसे १६ वर्ष पहले गोशालक (मखलिपुत्त गोशाल )का स्वर्गवास हुआ। गोशालकके स्वर्गवाससे कुछ वर्ष पूर्व (प्रायः ७ वर्ष पहले ) अजातशत्रुका राज्यारोहण हुआ। उसके राज्यके आठवे वर्षमे बुद्धका निर्वाण हुआ और बुद्धके निर्वाणसे कोई १०-१५ वर्ष बाद अथवा अजातशत्रुके राज्यके २२ वे वर्ष महावीरका निर्वाण हुआ।
(५) हेमचन्द्राचार्यने चन्द्रगुप्तका राज्यारोहण-समय वीरनि० सं० १५५ वर्ष बाद बतलाया है और 'दीपवंश', 'महावंश' नामके बौद्धग्रन्थोमे वही ( चन्द्रगुप्तका राज्यारोहण) समय बुद्ध-निर्वाण स० १६२ वर्ष बाद बतलाया है। इससे भी प्रकृत विषयका कितना ही समर्थन होता है और यह साफ जाना जाता है कि वीर-निर्वाणसे बुद्ध-निर्वाण अधिक नही तो ७-८ वर्षके करीब पहले जरूर हुआ हैं ।
(६) लकामे जो बुद्ध-निर्वाण सवत् प्रचलित है वह सबसे अधिक मान्य किया जाता है-ब्रह्मा, श्याम और आसाममे भी