Book Title: Yugveer Nibandhavali Part 2
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 877
________________ निबन्ध-सूची [ इस सूची में ब्रेकेटके भीतर यह सूचित किया गया है कि कौन निवन्ध कव कहाँ प्रथमत प्रकाशित हुआ है और जिस निवन्धका ठीक निर्माणकाल मालूम हो सका है, उसका वह समय निबन्धनामके अनन्तर डैशके वाद तथा ब्रेकटके पूर्व दिया गया है । ] ( १ ) उत्तरात्मक निबन्ध १. शुभ चिह्न - ( जैनमित्र २४ मार्च १६१३ ) १ २६ ३१ २. म्लेच्छ - कन्याओंसे विवाह - ( जैनमित्र २२ अप्रैल १६१३) ३ अर्थ-समर्थन – ( जैनमित्र १७ सितम्बर १६१३ ) ४ विवाह क्षेत्र प्रकाश -- ( प्रथमावृत्ति अगस्त १६२५) ४८ से १६३ ५ दण्ड - विधान - विषयक समाधान - ( जैनजगत १६ } अप्रेल १६२६ ) १६४ ६ जयजिनेन्द्र, जुहारु और इच्छाकार - ( जैन जगत २१ मई १९२६ ) २०३ ७ उपासना-विषयक समाधान -- ( जैनजगत २२३ से २८३ १६ जनवरीसे १ मार्च १६२७ ) ८ एक आक्षेप - मई १८३० ( अनेकान्त १, ६-७-८ ) M २८४ ९ एक विलक्षण आरोप- अक्तूबर १६३० ( अने० १, ११-१२) २६३ १०. ब्रह्मचारीजीकी विचित्र स्थिति और अजीब निर्णय ( जैनजगत १६ जुलाई १६३४ ) ३२० ११ स्वार्थसे निवृत्ति कैसी ? - १७-१०-१९३६ ( जैनदर्शन वर्ष ४, १ दिस० १६३६ ) ३३१ १२ पूर्वाऽपर-विरोध नहीं - ( जैनदर्शन, वर्ष ४, १ जनवरी १६३७ ) ३४१ १३ अनोखा तर्क और अजीब साहस - ( जैनजगत १० सितम्बर १६३७ ) ३४५ 1

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