Book Title: Yugveer Nibandhavali Part 2
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 879
________________ - निबन्ध-सूखी ८७१ १० समाजका वातावरण दूषित- जैनसन्देश २८-११-१६६५) ६५० (३) स्मृति-परिचयात्मक निबन्ध १ वैद्यजीका वियोग-( अनेकान्त वर्ष १ कि० ११-१२) ६६१ २ ईसरीके सन्त-( अनेकान्त ४, ६, अक्तूबर १९४१ ) ६६३ ३ शाहा जवाहरलाल और जैनज्योतिष-( अनेकान्त ५, १२, जनवरी १६४३ ) ६६५ ४ हेमचन्द्र-स्मरण-११ मार्च १६४४ (स्व० हेमचन्द ) ६६६ ५ कर्मठ विद्वान-२४ मार्च १९४४ (७० शीतलप्रसाद) ६८० ६ राजगृहमे वीरशासन-महोत्सव-( अनेकान्त ५, १२, जुलाई १९४४) ६८५ ७ कलकत्तामें वीरशासन-महोत्सव—(अनेकान्त ७, ३-४ नवम्बर १६४४) ६६१ ८ श्री दादीजी-( अनेकान्त वर्ष ७ कि० ९-१०) ७०० ९. जैनजातिका सूर्य अस्त-( अने० वर्ष ७ कि० ११-१२) ७०८ १० अभिनन्दनीय प० नाथूरामजी प्रेमी-५ जुलाई १६४६ (प्रेमी अभिनन्दन ग्रन्थ ) ७१७ ११ अमर प० टोडरमलजी-( वीरवाणी, जनवरी १६४८) ७२२ १२ सन्मति-विद्या-विनोद-( अने० वर्ष ६, ५ मई १९४८ ) ७२४ १३ पं० चैनसुखदासजीका अभिनन्दन-(२१ मार्च १९५१) ७४१' १४ श्री पं० सुखलालजीका अभिनन्दन-१० जून १९५७ ७४३ १५ शुभ भावना-१ मार्च १९६२ (आ० तुलसी अभि० ग्रन्थ) ७४५ १६ प० ठाकुरदासजीका वियोग-( जैनसन्देश जून १९६१ ) ७४७ १७. दुःसह दुःखद वियोग-(जैनसन्देश ३ फरवरी १९६६ ) ७५२ (४) विनोद-शिक्षात्मक निबन्ध १. मैं और आप दोनों लोकनाथ-(जैनगजट १ जुलाई १९०७) ७५७ २ श्रीमान और धीमानकी बातचीत-( जैनगजट ८ जुलाई १९०७) ७५९

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