________________ नीति-शिक्षा-संग्रह (39) बेहोशी होने लगती है / तीसरी अवस्था में एक दम होश- हवास नहीं रहता, संज्ञा नष्ट हो जाती है, हाथ पैर ठंडे पड़ जाते हैं और उनमें कम्पन या वॉइँटे आने लगते हैं, आँखें अन्दर घुस जाती हैं, होठ और नाखुन कुछ काले या नीले पड़ जाते हैं और हिचकियाँ चलने लगती हैं तथा पेशाब नहीं उतरता है / इस की पहली अवस्था के मालूम होते ही तत्काल उपाय करना चाहिए, क्योंकि यह बीमारी बहुत जल्दी बढ़ जाती है ! __ हैजे की गोलिया- अफीम, जायफल, लोंग, केशर, और कपूर, इन पांचों चीजों को छह छह माशे, बराबर बराबर ले. कर खरल में डालकर खूब घोटो / पीछे दो दो रत्ती की गोलिया बनालो / जब तक दस्त और वमन बन्द न हो जावे, तब तक एक घंटे में एक एक गोली गर्म जल के साथ रोगी को निगलवायो / कम उम्र वालों को आधी गोली दो। ये गोलिया आज़माई हुई हैं। इन से हैजे में अवश्य उपकार होगा.। ज्व रोगी को प्यास लगे, तब थोड़ा थोड़ा जल दो / आराम हो जाने पर,जब खूब भूख लगे तब साबूदाना पकाकर खिलाओ / इस में अन्न नहीं देना चाहिए / 100 सितोपलादिचूर्ण-तज एक रु० भर, छोटी इलायची के बीज २रु० भर, छोटी पीपल ४रु० भर, वंशलोचन ८रु०भर, मिश्री १६रु० भर, इनको कूट छानकर चूर्ण बना लिया जावे, पीछे आठ पाने भर की मात्रा बनाकर शहद या मक्खन या मिश्री की