________________ नीति-शिक्षा-संग्रह रतौंधी बिल्कुल मिट जाती है / (11) यदि रतौंधी आती हो, तो करेले के पत्तों के रस में कालीमिर्च विसकर आँखों में आजने से तीन चार दिन में फायदा नजर आने लगता है। (12) त्रिफले (हरड़ बहेड़ा, आवला) के चूर्ण में घी और शहद मिलाकर, रात में चाटने से सब तरह के आँखों के रोग आराम हो जाते हैं। किन्तु स्त्रीप्रसंग से बचना चाहिए; क्योंकि स्त्रीप्रसंग करने से सब तरह के नेत्ररोग बढ़ जाते हैं। (13) सोनामखी को शहद में घिसकर आँखों में आजने से फूला अवश्य मिटता है / 64 जिन की इन्द्रियाँ वश में नहीं हैं, जो जानवरों की भांति बे प्रमाण खाते हैं, गरिष्ठ पदार्थों को मात्रा से अधिक ग्वालेते हैं, उनको, तथा अत्यन्त जल पीने वालों या बिल्कुल जल नहीं पीने वालों, मल मूत्रादि के बेगों के रोकने वालों, रात को जागने और दिन को सोने वालों को अजीर्ण पैदा हो जाता है / अजीर्ण अनेक रोग पैदा करता है / अजीर्ण के नष्ट हो जाने पर प्रायःअनेक रोग नष्ट हो जाते हैं / मूर्छा, प्रलाप, वमन, मुँह से लार टपकना, ग्लानि और भ्रम तथा मरण, ये सब अजीर्ण के उपद्रव हैं / इसलिए इस से बचना चाहिए और हो जाने पर इस के नाश का शीघ्र उपाय करना चाहिए। 65 हैजे से बचने का उपाय- जिस नगर या गाँव में हैजा फैल रहा हो, वहां के लोग यदि, कड़वे नीम के पत्ते एक तोला, कपूर एक रत्ती, और हींग एक रत्ती, इन तीनों चीजों को पीसकर