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रौब जमाने के लिए घंटी बजने... 37 स्कूल में मास्टर जी भी डरते... 38 जहाँ बाकी सब फेल, वहाँ दादा... 39 कॉमनसेन्स हर तरफ का, लेकिन... 39 मास्टर जी के डाँटने पर कहा कि.. 40 इतने साल की पढ़ाई के बाद प्राप्ति..41 इतने सालों में तो भगवान ढूँढ... 42 दो साल में जो भाषा सीख जाएँ.... 42 वही का वही अज्ञान पढ़ता है और.. 43 वर्ल्ड का कल्याण करने का... 44 कितने ही मास्टर जी हम पर खुश 45 भगवान ढूँढे, लघुत्तम सीखते हुए 46 चौदह साल की उम्र में परिणाम... 48 झुका स्वभाव लघुत्तम की ओर, तो.. 49
[2.2 ] मैट्रिक फेल विलायत भेजकर सूबेदार बनाने... 51 समझ गए सूबेदार बनाने के पीछे... 53 मैं सूबेदार बनूँगा फिर सरसूबेदार... 54 हमने इसलिए जन्म नहीं लिया है... 55 नहीं चाहिए कुछ भी, फिर... 55 घर में क्या ऊपरी कम हैं जो नए... 56 जो भगवान से भी न दबें वे... 57 'आई डोन्ट वॉन्ट टू सर्व एनीबडी' 58 अंत में पान की दुकान लगा लूँगा... 59 अटूट भरोसा खुद के प्रारब्ध पर 59
ज़रूरतें कम इसलिए आता है... 59 तय किया कि मुझे मैट्रिक में पास.. 61 धमकी देकर लिया फॉर्म 62 पढ़ाई का बहाना करके रहे हॉस्टल.. 63 भाई समझते थे कि पढ़ रहा है... 64 अपने जैसे ही मिल जाएँ, तो... 65 जैसा चाहिए था उसी योजनानुसार.. 65 मुझे पढ़ना था यह, 'सिर पर ऊपरी..66 जिसके पास संतोष रूपी धन है... 67 मुक्त होने के लिए सुन ली थी... 67 'मेरा बिगड़ जाएगा' ऐसा भय नहीं...68 भाई के सामने भी नहीं हुए लाचार 69 परेशान होकर बड़े भाई ने लगाया... 69
खुमारी वाले को सभी चीजें मिल... 70 जिसमें हाथ डाले, तुरंत ही उसमें... 71 जो गुलामी में से मुक्त करे, वही... 72 व्यवहार से मैट्रिक फेल, अध्यात्म में..73 [3] उस ज़माने में किए मौज-मज़े दो रुपए में बादशाह जैसे ऐश 75 जितनी पैसे की कीमत, उतनी ही... 77 रस-कस कम हुआ है फलों और... 78 असल स्वाद को नहीं पहचानते आज..79 अलबेली नगरी मुंबई और ईरानी... 80 ताजमहल होटल से भी अच्छी लगी...81
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