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[8.1] भाभी के साथ कर्मों का हिसाब
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हूँ। हम तो अपने कॉन्ट्रैक्ट के बिज़नेस में ही ठीक हैं। यह बिज़नेस मुझसे नहीं हो पाएगा। तेरे साथ कुछ और बातचीत करूँगा'। इसलिए फिर उसने बंद रखा। __मैंने योजना बनाई कि कोयले की दलाली अपनी लाइन है ही नहीं। यह काम तो वही करे, मेरा काम नहीं है। यह व्यापार मुझे शोभा नहीं देगा। उन दिनों अंदर ऐसा अहंकार था कि मैं अपना व्यापार खुद ढूँढ निकालूँगा। और मुझे तो वह आता था क्योंकि मुझे शुरू से ही हर एक चीज़ चला लेने की आदत थी, लेकिन अहम् था कि 'मैं कुछ हूँ' अंदर ऐसा भान था।
कॉन्ट्रैक्ट के काम में सर्विस नहीं करनी पड़ती, इसलिए
बनाई योजना अब क्या करना चाहिए? यहाँ किसी के घर पर खाने के लिए पड़े नहीं रहना है। इसलिए फिर मैंने तय किया कि किसी कॉन्ट्रैक्टर को ढूँढ निकालो।
फिर कॉन्ट्रैक्टर को ढूँढ निकाला। मैं सुबह वहाँ जाकर एक व्यक्ति से पूछ आया। मुझे तो अपनी लाइन में जाना था। कुशलता थी व्यापार करने की लेकिन वह सेठ तो मुझसे नौकरी करवाना चाहता था। तब मैंने एक योजना बनाई।
कॉन्ट्रैक्टर से कहा, 'भाई! सर्विस तो मैं कभी भी नहीं करूँगा और वह करने नहीं आया हूँ'। सर्विस तो मैं करूँगा नहीं। पहले से नियम ही ऐसा बनाया है। किसी के वहाँ सर्विस करने के लिए जन्म नहीं लिया था इसलिए सर्विस तो नहीं करूँगा। कॉन्ट्रैक्ट के काम में होशियार था, ब्रेन अच्छा चलता था।
फ्री काम करूँगा, तब फिर वह मुझे नहीं छोड़ेगा
मैंने कहा कि 'भाई, मैं आपके यहाँ फ्री ऑफ कॉस्ट काम करूँगा। आपको जब ठीक लगे तब मुझे पार्टनरशिप देना और जब तक ठीक