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[8.1] भाभी के साथ कर्मों का हिसाब
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में अव्वल हैं। अतः स्त्री चरित्र एक बहुत बड़ा विषय है, ज़बरदस्त विषय (सब्जेक्ट) है।
भाभी मास्टर जी और मैं शिष्य, सीखा स्त्री चरित्र स्त्री चरित्र सब से बड़ा विज्ञान है। आपने यह शब्द सुना है या
नहीं?
प्रश्नकर्ता : हाँ, दादा, बहुत। दादाश्री : स्त्री चरित्र बहुत बड़ा विज्ञान है। ज़बरदस्त !
प्रश्नकर्ता : लेकिन दादाजी, आप उसका कारण समझ सके क्योंकि आप खुले थे, वर्ना नहीं समझ पाते थे।
दादाश्री : स्त्री चरित्र को समझ गया था इसलिए स्त्रियों को पहचान लेता हूँ। मैंने स्त्री चरित्र पढ़ा है।
प्रश्नकर्ता : आपने पढ़ा है, दादा?
दादाश्री : हाँ, भाभी तो मेरी गुरु ही हुईं न! हमारी भाभी मास्टर जी और मैं शिष्य। उन्होंने पूरी लाइफ मुझे स्त्री चरित्र सिखाया।
प्रश्नकर्ता : ओहो!
दादाश्री : और उसमें से फिर स्त्री चरित्र का मैंने अभ्यास किया था। स्त्री चरित्र अच्छे-अच्छे लोगों को उड़ाकर रख दे, वह सब मैं सीख गया था। मुझे सिखाया था इसलिए मैं सीख गया। पास हो चुका हूँ। एक हजार स्त्रियों में ऐसा कोई मास्टर नहीं होगा, जो बाकी सभी स्त्रियों को अंटी में डाल दे। उनके सामने पुरुष की बिसात ही क्या? इस स्त्री चरित्र का कोई भी पार नहीं पा सकता। बहुत तरह के स्त्री चरित्र देखे हैं। स्त्री चरित्र में पास होने के बाद ही ज्ञानी बन सकते हैं यह सब मैंने देखा था, अभ्यास बहुत हुआ था न! और हमारी