Book Title: Gnani Purush Part 1
Author(s): Dada Bhagwan
Publisher: Dada Bhagwan Aradhana Trust

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Page 494
________________ [10.8] भगवान के बारे में मौलिक समझ प्रश्नकर्ता : हं... लाइट के धब्बे । दादाश्री : अरे ! मुझे तो पूरा लाइट का गोला ही दिखाई दे रहा था। एक बहुत बड़ा चमकारा ( फ्लैश) हुआ और प्रकाश-प्रकाश हो गया! तो बाहर जो प्रकाश हुआ तो दस-दस मिनट तक अँधेरा नहीं हुआ। 429 प्रश्नकर्ता : दस मिनट तक अँधेरा नहीं हुआ ? तो वह दस मिनट तक नहीं जाता ! दादाश्री : फिर मैं सोचने लगा कि क्या हुआ ? फिर मुझे समझ में आया कि यह तो आँख की लाइट (देखने की शक्ति को नुकसान हो रहा है) चली गई। फिर दोबारा कभी भी हाथ नहीं लगाया। बंद ही कर दिया। इससे तो आँखों की रोशनी चली जाएगी। पूरा लाइट का गोला ही दिखाई दे रहा था । इस तरह हाथ छुआने का क्या मतलब है ? मीनिंगलेस, यूज़लेस हैं सारी बातें । ऐसे प्रयोगों को बेचने जाएँ तो बाज़ार में चार आने भी नहीं देंगे इसके लिए । चिंता तो कम नहीं होती ! ऐसा सब करने से सारी शक्ति हीन हो जाती है I

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