Book Title: Gnani Purush Part 1
Author(s): Dada Bhagwan
Publisher: Dada Bhagwan Aradhana Trust

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Page 471
________________ ज्ञानी पुरुष ( भाग - 1 ) यमराज के लिए मैंने इतनी खोज की, जाँच करके अब सभी को बता दिया कि यमराज नाम का कोई जीव है ही नहीं । ये लोग तो बिना समझे अंधाधुंध बोलते हैं कि, 'यमराज ऐसा करते हैं और फलाना करते 406 हैं'। I किसी ने यमराज नाम का गलत भूत डाल दिया है । कोई यमराज लेने आता लेकिन यमराज जैसा कोई है ही नहीं । यमराज का कोई अस्तित्व ही नहीं है, ऐसा कोई जन्मा ही नहीं है । यह तो सिर्फ तूफान ही है। आपको उल्टे रास्ते पर ले गए है। अंदर सब गलत फैलाया हुआ है, और अगर है तो हमें अभी ही ले जाए । इसलिए फिर मैंने पुस्तक में साफ-साफ लिखा है कि 'यमराज नाम का जीव नहीं है, इस बात की गारन्टी देता हूँ'। यमराज के गलत भय से मार दिया हिन्दुस्तान को लोगों को भयभीत करके मार दिया। लोग कुछ कम नहीं हैं, ये अपने पुरखे ! पूरे हिन्दुस्तान में गलत वहम डाल दिए थे और बिना बात का भय! भय से त्रस्त हो गया है पूरा हिन्दुस्तान ! मुस्लिम नहीं डरते, क्रिश्चियन नहीं डरते, सिर्फ इन लोगों में ही घुस गया है भूत । अरे घनचक्कर! क्यों लोगों में भय का साम्राज्य फैला रहे हो ! गप्प लगाई है हिन्दुस्तान के लोगों ने । ऐसी सब बातों में लोगों का विश्वास मत करना। भाई! यह गलत डर है, निकाल देना । मैंने लोगों से कहा कि 'अरे! शांति से खाओ - पीओ, मज़े करो । जाओ, जोखिम अपने सिर पर लेता हूँ । जैसे ईश्वर की बातों में खोज की है, यह सब भी मैं खुद देखकर बता रहा हूँ। मैं यह त्रिकाल सत्य बात बता रहा हूँ । मेरे पीछे इस बात को कोई काटने वाला नहीं मिलेगा, मैं ऐसी बात बता रहा हूँ कि यमराज नाम का कोई जीव था ही नहीं'। नि-यमराज, बन गया यमराज उसके बाद फिर लोग कहते हैं, 'लेकिन ऐसा बिल्कुल गलत तो

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