________________
ज्ञानी पुरुष ( भाग - 1 )
मारे। यह यमराज कौन है ? उसे जो करना हो करे लेकिन मैं उसका सामना करूँगा। लोगों को यह दुःख नहीं रहना चाहिए । कितना डर है बेचारों को !
404
मैं जब मुश्किल में फँस जाऊँ न, तब मैं इस संसार के विभाजन को तोड़-फोड़ दूँ, तो तेरह साल की उम्र में मुश्किल में पड़ गया था।
T
मैं पंडितों से पूछ आया । कि 'यमराज नाम का यह जीव कहाँ से आया बाप जी ?' तब उन्होंने कहा, 'आप नहीं समझोगे, बोलना मत' । मैंने कहा, 'नहीं, मुझे उसका विरोध करना है, जो होना हो, वह हो । मैं तो भगवान को भी डाँट दूँ, ऐसा इंसान हूँ' । मेरा स्वभाव क्रांतिकारी है, लोगों का सामना करने का ! लेकिन बात का निबेड़ा ला देता हूँ। तो उन ब्राह्मणों से पूछा तो उन्होंने कहा, कि 'ऐसा नहीं बोलना चाहिए, वर्ना यमराज तुझे घेर लेंगे'। मैंने कहा, 'आपको घेर लेंगे' ।
तब चली ज़बरदस्त विचार श्रंखला
मैंने कहा, 'यदि यमराज हैं तो उनकी तनख्वाह कौन देता है ? तनख्वाह तो देनी पड़ेगी न । उनके काम के एवज़ में ? नहीं देनी पड़ेगी ? उन्हें पेमेन्ट कौन करता होगा ? उनकी तनख्वाह कितनी होगी?' तो कहा, 'वह मैं नहीं जनता । कहीं वे तनख्वाह लेते होंगे ?' तो बिना तनख्वाह के कोई काम नहीं करता, यमराज हो या यमराज का बाप, फिर भी । तनख्वाह के बिना तो कोई महेनत नहीं करता । कौन करेगा महेनत ?
फिर मैं इतनी सोच में पड़ गया कि 'इतना बड़ा यमराज ! इतने सारे लोग मर जाते हैं, उन्हें उठाकर ले जाते हैं तो उनकी तनख्वाह कौन चुकाता होगा ? और तनख्वाह डॉलर में देते होंगे या रुपए में ? उनकी तनख्वाह का पेमेन्ट कहाँ से होता है ? कौन से बैंक का चेक होता है ? कौन से बैंक में चेक भुनाते हैं ?' मुझे सारे विचार सूझने लगे ।
फिर मुझे सोच में डाल दिया कि 'यह मुआ जीव लेने वाला नौकर है या सेठ ? यदि यमराज है तो उसका ऊपरी (बॉस) कौन है ? उसका कोई हेड होगा न? यह हेड ऑफिस कौन चलाता है ? वह ऑफिस किसका है?' आपने कभी ऐसा सोचा है ?