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ज्ञानी पुरुष (भाग-1)
भाभी थीं न, इसलिए इस मार्ग पर आ पाया, वर्ना आ ही नहीं पाता। स्त्री चरित्र में पास होने के बाद ही ज्ञानी बन सकते हैं, वर्ना कैसे बन पाते? और भाभी ने तो बल्कि भगवान बनाया।
प्रश्नकर्ता : हाँ, सही बात है। दादाश्री : वर्ना स्त्री तो मार देती है। प्रश्नकर्ता : हाँ, मार देती है।
दादाश्री : पास तो मुझे होना ही पड़ा स्त्री चरित्र में लेकिन वे बहुत अच्छी हैं, उपकारी हैं। अभी भी हैं, लेकिन अब मैं ऐसा नहीं कह सकता। वे तो मेरी बुजुर्ग हैं न? ये सब पुरानी बातें हैं।
प्रश्नकर्ता : लेकिन दादा, उनका मोक्ष होगा ही?
दादाश्री : हम उसमें नहीं पड़ते। सभी का कभी न कभी तो मोक्ष होना ही है, पूरी दुनिया का!