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ज्ञानी पुरुष (भाग-1)
अपने व्यवहार में यह लघुत्तम शब्द आता है, वह ऐसा है कि सारा काम निकाल देगा।
प्रश्नकर्ता : लेकिन व्यवहार की बजाय जब तत्त्व ज्ञान से इसका मिलाप होता है, तब नया ही प्रकाश पड़ता है लघुत्तम पर।
दादाश्री : हाँ, नया प्रकाश पड़ता है, लघुत्तम का। लघुत्तम का प्रकाश पड़ता है हम पर तो मुझ पर भी लघुत्तम का बहुत प्रकाश पड़ता
था।
लघुत्तम नहीं सीखे थे? प्रश्नकर्ता : गुरुत्तम सीखे थे, लघुत्तम नहीं। दादाश्री : अब सभी में लघुत्तम ढूंढ निकालने हैं, बस।
अब लघुत्तम निकालना सीख जाओ। गुरुत्तम तो बहुत दिनों तक निकाला, अब लघुत्तम निकालो। इसलिए स्कूल में सिखाया जाता है। क्योंकि अगर लघुत्तम निकालोगे तो कभी मोक्ष का लघुत्तम निकालना आएगा लेकिन यदि यह लघुत्तम ही नहीं सीखा होगा तो मोक्ष का लघुत्तम कैसे आएगा? अतः लघुत्तम ही संसार में मोक्ष का एक मात्र साधन है। जिसे लघुत्तम निकालना आ जाएगा, उसे परमात्मा ढूँढना आ जाएगा।