________________
[5.2] पूर्व जन्म के संस्कार हुए जागृत, माता के
139
क्या खाना खाए बगैर जाएगा? हमारी लॉज में आए तो क्या आप उसे लॉज में से जाने दोगे? प्रश्नकर्ता : नहीं।
_ 'इन्हें अंतिम पद दो' दादाश्री : तो क्या हम यहाँ से यों ही जाने देते? खटमल को भी खाना खिलाया है। अब अगर नहीं खिलाते तो उसके लिए क्या सरकार हमें कोई दंड देती? नहीं। हमें तो आत्मा प्राप्त करना था। अब उसका क्या फल मिला? खटमल में रहे वीतराग हमारे अंदर रहे हुए वीतराग को फोन करते थे कि 'ऐसे कोई दाता नहीं देखे इसलिए इन्हें श्रेष्ठतम् पद दो'। सिर्फ, जब यहाँ गरदन पर काटते थे तब वह सहन नहीं होता था। जब वह सहन नहीं होता था तब फिर मैंने प्रयोग किया। मैं उन्हें यहाँ से उठाकर पैरों पर रख देता था क्योंकि वे लोग समझ गए थे कि ये अहिंसा वाले हैं इसलिए तुरंत मेरे हाथ में आ जाते थे। होते थे चार ही खटमल लेकिन फिर भी हाथ में आ जाते थे। वे समझ गए थे इसलिए फिर मैं पैर पर रख देता था। यहाँ पर जुदाई नहीं है। कहाँ जाए वह बेचारा भूखा? 'यहाँ (पैर पर) आप खाना खाओ लेकिन इस कमरे (गरदन पर) में मत खाना', कहा।
जब मुझे गरदन पर काटते थे तो मैं उठाकर हाथ पर रख देता था ताकि बेचारा भूखा न रहे! यह जगत् कैसा है? यह अपनी मालिकी का नहीं है। जो खाए उसके बाप का।
___काटे तब पता चलता है कि प्रेम कहाँ है
प्रश्नकर्ता : सिर्फ 'इस कमरे में मत खाना लेकिन यहाँ वाले कमरे में खाना', ऐसा कहते थे!
दादाश्री : हाँ। इतनी कमज़ोरी देखी मैंने कि 'यहाँ पर मत खाना। इस कमरे में आपको नहीं खाना है, बाकी सब जगह खाओ। खाना खाकर ही जाओ, खाए बगैर नहीं जाना है। ऐसा हमें एक-एक खटमल से कहना पड़ा। उन्हें भूखा कैसे निकाल देते? कितने ही खाना