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ज्ञानी पुरुष (भाग-1)
हार्ट फेल होने की तैयारी होती है न, तब इतना दर्द होता है कि तब कह देता है कि, 'छूट जाऊँ तो अच्छा है, छूट जाऊँ तो अच्छा है'। तो तुरंत हस्ताक्षर और तुरंत हल।
प्रश्नकर्ता : लेकिन अगर कोई जल जाए या एक्सिडेन्ट हो जाए तब...
दादाश्री : हाँ, वह हस्ताक्षर किए बगैर नहीं रहता। अंदर भाव होता है कि 'सहन नहीं हो रहा है और छूट जाऊँ तो, इससे छूट जाऊँ तो अच्छा है। इस दुःख से मुक्त हो जाऊँ तो अच्छा है'। दुःख से मुक्त होने की इच्छा को कहते हैं 'हस्ताक्षर करना'।
हस्ताक्षर होने के बाद में ही आती है मृत्यु इस प्रकार से हस्ताक्षर करवा लेती है (कुदरत)। हस्ताक्षर किए बिना जा ही नहीं सकते। वास्तव में आपके मालिक कौन हैं? आपका ऊपरी कोई नहीं है। क्या इन्कम टैक्स के लिए सिग्नेचर नहीं लेते? सभी के लिए सिग्नेचर लेते हैं। यहाँ पर परदेश में आना-जाना हो तो पासपोर्ट में भी हस्ताक्षर की ज़रूरत पड़ती है। जन्म होते समय हस्ताक्षर नहीं किए जाएँ तो जन्म ही नहीं हो सकता। यह क्या किसी के बाप का है कि कोई हमें ले जा सके वहाँ पर? नियमराज तो नियम है, वह चीज़ अपने हस्ताक्षर से तो हल्की ही है। हमारे हस्ताक्षर होंगे तभी नियमराज आएँगे। यह यमराज नहीं है, नियमराज है। यमराज नहीं है। अपने हस्ताक्षर के बिना कैसे जा सकते हैं? आपको समझ में आई यह बात!
यह सारा तो मैं अपने अनुभव के सार पर से लाया हूँ। मेरा तो काम ही यही था।
जब मदर अंतिम स्थिति में थीं... हमारी बा थीं न, चौरासी साल की उम्र में उनकी डेथ हो गई। यों तो उस समय बा की तबियत बहुत अच्छी थी। हमारी बा का जब अंतिम समय था तब वे बिस्तर पर ही थीं। तब मृत्यु के दो घंटे पहले