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[5.2] पूर्व जन्म के संस्कार हुए जागृत, माता के
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मज़बूत हो जाता है कि 'भले ही सहन करना पड़े लेकिन यह करेक्ट है'।
आपको अच्छा लगा? मैं जो बैलेन्स करने का कह रहा हूँ उससे... क्या-क्या फायदे होते
प्रश्नकर्ता : एक तो शांति रहती है। चिर शांति।
दादाश्री : नहीं, परेशानी तो होती है! सहन करने में परेशानी तो होती है।
प्रश्नकर्ता : लेकिन क्लेश से मुक्ति रहती है।
दादाश्री : हाँ, क्लेश से मुक्ति रहती है। सहन करने पर क्लेश से मुक्ति रहती है।
जागते हुए खाना खिलाकर हिसाब चुकाए प्रश्नकर्ता : नींद में तो हमें भी कितने ही खटमल काट लेते होंगे लेकिन जागते हुए नहीं काटने देते।
दादाश्री : वह तो मैंने उनसे पूछा था कि 'हम जाग रहे हैं तब तक तो आपको हटा देते हैं। आपको कोई आपत्ति तो नहीं है न?' तब उन्होंने कहा, 'नहीं! हम तो खा लेंगे इसलिए आप आराम से सो जाओ, अच्छी तरह खा लेंगे'। नींद में तो वे अच्छी तरह खाना खा ही लेते हैं
न!
कुदरत का नियम ऐसा है कि 'आपको सुलाए बगैर रहेगी नहीं और हम खाए बगैर रहेंगे नहीं। आपकी इस होटल में हम खाकर ही जाएँगे!' वे खाकर ही जाते हैं।
ये खटमल आकर मुझसे कह जाते हैं कि, 'ये सभी लोग चाहे कितने भी प्रयत्न करें, चाहे हमें कितना भी रोकें, चाहे कुछ भी करें लेकिन उनके सोने के बाद हम ले लेते हैं लेकिन हम हमारा हिसाब तो चुका ही देते हैं'। जो जागते हुए काटने दें, वे शूरवीर। जो जागते हुए